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राजीव गांधी के नाम पर अमेठी में जमीन पर कब्जा, अब खाली करा रही योगी सरकार

राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट ने अमेठी के रोखा गांव में लगभग 1 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा जमा रखा था. यह जमीन स्वयं सेवी ग्रुप के सदस्यों को वोकेश्नल ट्रेनिंग देने के लिए आवंटित किया गया था लेकिन इसपर राजीव गांधी ट्रस्ट ने कब्जा कर लिया था.

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राजीव गांधी ट्रस्ट पर सख्त सरकार
राजीव गांधी ट्रस्ट पर सख्त सरकार

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आखिरकार लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अमेठी जिला प्रशाषन ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर चल रहे चैरिटी ट्रस्ट द्वारा गैरकानूनी ढंग के कब्जा की गई जमीन को खाली करने का आदेश जारी कर दिया गया है. राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट ने अमेठी के रोखा गांव में लगभग 1 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा जमा रखा था. यह जमीन स्वयं सेवी ग्रुप के सदस्यों को वोकेश्नल ट्रेनिंग देने के लिए आवंटित किया गया था लेकिन इसपर राजीव गांधी ट्रस्ट ने कब्जा कर लिया था.

गौरतलब है कि राजीव गांधी ट्रस्ट द्वारा जमीन पर कब्जे की बात सबसे पहले केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उठाया था. ईरानी 2014 लोकसभा चुनावों में अमेठी से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लड़ी थी लेकिन उन्हें चुनावों में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. लेकिन केन्द्रीय मंत्री की ट्रस्ट द्वारा जमीन कब्जे के आरोप पर तत्कालीन अखिलेश सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया. लेकिन 2017 में राज्य में बीजेपी की योगी सरकार बनने के बाद राज्य सरकार ने स्मृति ईरानी के आरोपों की जांच करते हुए पाया कि गांव की जमीन पर राजीव गांधी ट्रस्ट ने गैरकानूनी कब्जा कर रखा था.

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राज्य सरकार द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए राजीव गांधी ट्रस्ट को पहली नोटिस 27 मार्च 2017 को दी गई. इसके बाद अलग-अलग स्तर से 10 अप्रैल और 28 अप्रैल को ट्रस्ट को राज्य सरकार की तरफ से दूसरा और तीसरा नोटिस जारी किया गया. नोटिस के जरिए ट्रस्ट से जमीन पर अधिपत्य के कारण और जमीन के इस्तेमाल पर सवाल किया गया था. राजीव गांधी ट्रस्ट को जमीन पर कब्जे को उचित दिखाने के लिए दस्तावेज जमा करने के लिए भी कहा गया.

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राज्य सरकार के मुताबिक इन तीन नोटिस के बाद राजीव गांधी ट्रस्ट की तरफ से दिया गया बयान अधूरा था और जमीन पर उसके मालिकाना हक को साबित नहीं किया जा सका. जिसके बाद राज्य सरकार ने ट्रस्ट को जल्द से जल्द जमीन से अपना कब्जा हटाने का फैसला सुनाया है.

 

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