नोटबंदी के फैसले के बाद मोदी सरकार देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है. इसी कड़ी में जल्द ही सभी प्रकार के डिजिटल लेन-देन को आधार नंबर से जोड़ा जा सकता है. इससे आपको लेन-देन के लिए कार्ड की बजाय आधार नंबर का इस्तेमाल करना होगा और उसी के जरिए आपके सारे लेन-देन होंगे.
जल्द ही हो सकता है ऐलान
देश में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ही एक और बड़ा कदम उठा सकती है. नीति आयोग चाहता है कि देश में सभी प्रकार के ट्रांजैक्शन के लिए केवल आधार कार्ड का ही उपयोग किया जाए. यदि ऐसा हो हुआ तो देश में भुगतान के लिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड के स्थान पर 12 अंकों का आधार नंबर उपयोग किया जा सकेगा.
पिन की नहीं पड़ेगी जरूरत
यूआईडीएआई के महानिदेशक अजय पांडे के अनुसार- आधार को ट्रांजैक्शन के लिए उपयोग करने पर पिन की आवश्यकता नहीं होगी. एंड्रॉयड फोन और फिंगरप्रिंट अथेंटिकेशन के जरिए यह काम आसानी से किया जा सकेगा.
नीति आयोग का आइडिया
नीति आयोग इसके लिए देश के सभी मोबाइल निर्माता कंपनियों से भी बात कर रहा है. जिससे सभी मोबाइल हैंडसेट्स में आईआरआईएस या थम्ब आइडेंटिफिकेशन की सुविधा लगाई जा सके. क्योंकि इसी तरीके से आधार आधारित ट्रांजैक्शन किए जा सकेंगे.
डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए कई ऐलान
मोदी सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किया था. इसके बाद सरकार ने 30 दिसंबर तक डिजिटल ट्रांजैक्शन पर लगने वाले अतिरिक्त शुल्क को नहीं लगाने का आदेश दिया.