हर कोई अपने फ्यूचर को लेकर सजग होता है. भविष्य में आर्थिक तंगी न हो, जिससे लोग दर्जनों जगहों पर निवेश करते हैं. लेकिन अक्सर लोग टर्म इंश्योरेंस को नजरअंदाज कर देते हैं. इसके पीछे पढ़े-लिखे लोगों का भी तर्क होता है कि टर्म इंश्योरेंस में एक पैसा रिटर्न नहीं मिलता है.
दरअसल, देश में अभी भी अधिकतर लोग ऐसी पॉलिसी के पीछे भागते हैं, या फिर चुनते हैं, जिसमें रिस्क कवर के साथ-साथ रिटर्न भी मिलता है. जबकि असली लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी टर्म प्लान को कहा जाता है. इसलिए हर किसी को टर्म प्लान (टर्म इंश्योरेंस) सबसे पहले लेना चाहिए.
टर्म इंश्योरेंस को कभी भी निवेश के नजरिये से नहीं देखना चाहिए, और अक्सर लोग यहीं गलती कर जाते हैं. कुछ लोगों का तर्क ये भी होता है कि टर्म प्लान में मरने के बाद पैसे मिलते हैं, इसलिए ऐसी पॉलिसी नहीं चाहिए. लेकिन गंभीरता से सोचिए, जिस परिवार के लिए आप दिन-रात मेहनत करते हैं, आपके न होने पर उनकी जरूरतें कैसे पूरी होंगी?
टर्म प्लान पॉलिसी होल्डर की मौत पर परिवार की आय का सबसे बड़ा जरिया माना जाता है. टर्म प्लान सुनिश्चित करता है कि आपके न रहने पर आपके परिवार को रोटी, कपड़ा, मकान वगैरह की आवश्यकता पूरी होती रहे. यानी बीमाधारक की मौत के बाद टर्म प्लान परिवार के लिए आर्थिक तौर सबसे बड़ा सहारा बन जाता है.
आप टर्म इंश्योरेंस जितनी कम उम्र में ले लेंगे, उतना कम प्रीमियम लगेगा. यानी उम्र के साथ-साथ प्रीमियम भी बढ़ जाता है. एक बार टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदने के बाद पॉलिसी खत्म होने तक प्रीमियम में कोई बदलाव नहीं होता है. पॉलिसी लेते वक्त कंपनी का क्लेम सैटलमेंट अनुपात पर जरूर ध्यान दें.
पॉलिसी कम से कम 60 की उम्र तक के लिए लेनी चाहिए, इससे ऊपर लेते हैं और भी बेहतर होगा. कुछ कंपनियां 80 से 90 साल तक के लिए पॉलिसी देती हैं. टर्म इंश्योरेंस आप घर बैठे ऑनलाइन खरीद सकते हैं. देश की सभी बीमा कंपनियां टर्म इंश्योरेंस उपलब्ध कराती हैं. ऑनलाइन टर्म प्लान बेहद सस्ता होता है. इसके अलावा एजेंट की मदद से भी आप टर्म प्लान ले सकते हैं.
अगर आपकी उम्र 30 साल के आसपास है तो फिर आपको 8,000 से 10,000 रुपये सालाना प्रीमियम पर एक करोड़ तक का कवर मिल जाएगा. आप टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान अपनी सहूलियत से कर सकते हैं. आप मंथली, क्वार्टरली, या फिर ईयरली प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं.
टर्म इंश्योरेंस खरीदते समय अपने भविष्य की जरूरतों को जरूर ध्यान में रखें. बच्चों की शादी व शिक्षा, रिटायरमेंट, घर का लोन आदि बातों का भी ख्याल रखें. बेहतर प्लान खरीदने के लिए ऑनलाइन इसकी तुलना जरूर करें और पॉलिसी लेते वक्त कंपनी का क्लेम सैटलमेंट अनुपात पर जरूर ध्यान दें.
गौरतलब है कि टर्म इंश्योरेंस होल्डर की मौत होने पर नॉमिनी को कवरेज की पूरी राशि मिल जाती है. यानी अगर पॉलिसी धारक ने 1 करोड़ रुपये का टर्म प्लान लिया है और किसी कारणवश उनकी मौत हो जाती है. ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी की तरह से परिवार को क्लेम की पूरी राशि यानी एक करोड़ रुपये दी जाएगी.
आप जिस घरवाले के लिए टर्म प्लान लेते हैं, उन्हें इस इंश्योरेंस के बारे में जरूत बता दें. बकायदा जब आप ऑनलाइन या ऑफलाइन टर्म इंश्योरेंस खरीदते हैं तो कंपनी बॉन्ड पेपर डाक द्वारा भेजती है, जो एक अहम दस्तावेज होता है. जिससे संभाल कर रखें और परिवार के अहम सदस्य को इस दस्तावेज के बारे में जरूर बता दें, साथ ही उन्हें बता दें, कि आपने कितने (sum assured) रुपये का टर्म प्लान ले रखा है.
इसलिए अगर आप अपने परिवार से प्यार करते हैं तो सबसे पहले आप अपना टर्म इंश्योरेंस करवाकर उन्हें आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य का तोहफा दें, ताकि जब आप न हों तो उन्हें बुनियादों सुविधाओं के लिए तरसना न पड़े. अगर आप परिवार में एकमात्र कमाई करने वाले हैं तो फिर सबसे पहले अपना टर्म इंश्योरेंस करवाएं.