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यूटिलिटी

कोरोना की दूसरी लहर के बीच क्या सोना फिर जाएगा 56,000 के पार, ये निवेश का सही समय?

2021 की शुरुआत में गिरा था सोने का भाव
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दिसंबर 2020 के अंत तक देश में कोरोना संक्रमण की दर घटने लगी थी. साल 2021 की शुरुआत में डॉलर और अमेरिकी बांड की चमक फिर से बिखरना शुरू हुई तो इससे सोने पर दबाव बना और इसकी चमक फीकी पड़ने लगी. अप्रैल 2021 में इसका भाव 45,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे चला गया. लेकिन अब इसमें फिर से बढ़त दिख रही है.
(Photos : FIle)

दूसरी लहर में बढ़ने शुरू हुए दाम
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अप्रैल में कोरोना की जब दूसरी लहर फैलनी शुरू हुई तब से सोने की कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है. MCX पर इसका भाव अभी 47,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर चल रहा है. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि सोने के भाव एक बार फिर नई ऊंचाइयों पर जा सकते हैं. लेकिन क्यों बढ़ रहे हैं सोने के भाव?

कई वजहें हैं सोने के भाव बढ़ने की
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सोने को हमेशा से एक सुरक्षित निवेश माना जाता रहा है. दुनियाभर में जब भी आर्थिक संकट की आहट दिखती है तो सोने में निवेश बढ़ जाता है. मोतीलाल ओसवाल में एनालिस्ट मानव मोदी कहते हैं, ‘‘कोरोना के बढ़ते मामले, बाजार में बार-बार लिक्विडिटी बढ़ाने के प्रयास, महंगाई बढ़ने की आशंकाएं, दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं पर बढ़ता कर्ज का बोझ, पश्चिमी एशिया में तनाव की स्थिति और अमेरिका एवं चीन के बीच व्यापार युद्ध ऐसे कुछ फैक्टर हैं जो लोगों के सोने में निवेश की धारणा को लगातार मजबूत कर रहे हैं. इससे सोने की कीमतें भी बढ़ रही हैं.
 

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इंटरनेशनल मार्केट में बढ़ी सोने की चमक
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मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट सर्विसेस के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने के भाव में मजबूती देखी गई है. हाल में इसमें और बढ़त दर्ज की गई, कमोडिटी एक्सचेंज COMEX पर इसका भाव 1,800 डॉलर प्रति औंस (रुपये में गणना करने पर 46,540 रुपये प्रति 10 ग्राम) तक तक पहुंच गया. मानव मोदी का कहना है, ‘आने वाले दिनों में उन्हें सोने के नए ऊंचाई पर पहुंचने की उम्मीद है. ये 2,050 डॉलर प्रति औंस (53,000 रुपये प्रति 10 ग्राम) से 2,200 डॉलर प्रति औंस (56,800 रुपये प्रति 10 ग्राम) के भाव तक जाने की संभावना दिखती है.’

समझें औंस और तोले का गणित
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भारतीय बाजार में सोने का भाव ग्राम में तय होता है. जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका भाव औंस में तय होता है. एक औंस में असल में 28.3 ग्राम होते हैं, लेकिन गणना को सरल बनाने के लिए इसे अक्सर 30 ग्राम मानकर भाव तय होता है. इसी तरह भारतीय बाजार में तोले के आधार पर सोने का भाव तय होता है, गणना को सरल बनाने के लिए एक तोले में 10 ग्राम की माप ली जाती है जबकि असल में एक तोला 11.66 ग्राम का होता है.

सालभर में छू सकता है 56,000 से ऊपर का भाव
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मानव मोदी कहते हैं कि फंड मैनेजर्स निवेश के माध्यम से सोने के भाव में तेजी को बरकरार रख सकते हैं. बजट में सोने पर शुल्क को लेकर किए गए फैसले के बाद घरेलू बाजार में ये सोने का अच्छा स्तर है. यह तत्काल 50,000 रुपये के आंकड़े को छूने की ओर बढ़ रहा है और आने वाले 12 से 15 महीनों में 56,500 या उससे अधिक के नए उच्च स्तर पर रह सकता है.

क्या ये निवेश का सही समय
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CapitalVia Global Research के कमोडिटी और करेंसी के प्रमुख क्षितिज पुरोहित का कहना है कि अगले महीने में सोना 51,700 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव को छू सकता है. ऐसे में निवेशकों के लिए ये सही समय है कि वो सोने में निवेश करके थोड़ा होल्ड करें. मध्यम से दीर्घावधि में ये उन्हें बेहतर रिटर्न दे सकता है.

17 मई को खुलेगी सॉवरिन गोल्ड बांड स्कीम
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निवेशक चाहें तो सोने की खरीद करके निवेश कर सकते हैं या डिजिटल गोल्ड में इन्वेस्ट कर सकते हैं. लेकिन इसके अलावा भी कई विकल्प मौजूद हैं. 2021-22 के लिए सॉवरिन गोल्ड बांड स्कीम पहली किस्त 17 मई से 21 मई तक के लिए खुलेगी. भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बार इसके लिए 4,777 रुपये प्रति ग्राम का भाव तय किया है. डिजिटल पेमेंट पर 50 रुपये का डिस्काउंट भी मिलेगा. ये बांड 5 साल के लॉकइन पीरियड और 8 साल की मैच्योरिटी अवधि के साथ आते हैं. बेचे जाने के वक्त सोने के भाव के साथ-साथ इस पर सालाना 2.5% का ब्याज भी मिलता है.

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