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Term Plan खरीदने की कर रहे हैं तैयारी, तो इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान

बड़ी जरूरत बन गया बीमा
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बड़ी जरूरत बन गया बीमा
आज के समय में बीमा (Insurance) सबसे बड़ी जरूरत बन गया है. कोराना काल में इसकी अहमियत सभी को समझ आ गई. फिर चाहे वो स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) हो, जीवन बीमा (Life Insurance) हो या फिर टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance) हो. इन्हें खरीदते समय कुछ गलतियां दावे के समय परेशानी खड़ी कर सकती हैं. टर्म प्लान लेते समय खासतौर पर गलतियां करने से बचना चाहिए. इससे जुड़े कुछ खास टिप्स आपके लिए मददगार होंगे. यह प्लान किसी अनहोनी की स्थिति में आपके परिवार को आर्थिक सुरक्षा देने का काम करता है.  

छोटी अवधि का प्लान खरीदने से बचें
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छोटी अवधि का प्लान घाटे का सौदा 
Term Plan खरीदते समय यह ध्यान में रखनी चाहिए कि प्रीमियम (Premium) बचाने के चक्कर में कभी छोटी अवधि का प्लान ना लें. आमतौर पर आप टर्म प्लान 5, 10, 10, 30 या 40 वर्ष की अवधि तक के लिए लिया जा सकता है. लेकिन जरूरत के हिसाब से शॉर्ट पॉलिसी ले सकते हैं. लेकिन ये ठीक नहीं है. विशेषज्ञों की मानें तो टर्म प्लान खरीदते समय छोटी अवधि का बीमा लेने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे प्लान लेते पर आपको भले ही अभी कम प्रीमियम चुकाना पड़े, लेकिन छोटे समय की पॉलिसी की अवधि खत्म होने के बाद अगला प्लान खरीदने पर प्रीमियम का बोझ काफी बढ़ जाता है.

 जानकारी छुपाना पड़ेगा भारी
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जानकारी छुपाना पड़ेगा भारी
टर्म प्लान खरीदते समय एक सबसे बड़ी बात यह याद रखनी चाहिए कि जिस भी कंपनी से आप अपने, अपने परिवार के लिए प्लान खरीद रहे हैं, तो उससे कोई भी जानकारी कतई ना छुपाएं. ऐसा करना आपके लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है. इसलिए एस बात को गांठ बांध लें कि टर्म पॉलिसी लेते समय पूरी जानकारी बीमा कंपनी (Insurance Company) को जरूर मुहैया कराएं. इसके साथ ही किसी भी बीमा पॉलिसी में नॉमिनेशन महत्वपूर्ण होता है. आप Term Plan अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा के लिए लेते हैं. किसी अप्रत्याशित स्थिति में नॉमिनेशन यह सुनिश्चित करता है कि आप जिसे चाहते हैं, उसे ही बीमा की रकम मिले. इसलिए नॉमिनी की जानकारी जरूर दें.

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मेडिकल हिस्ट्री के बारे में बताएं सब कुछ
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मेडिकल हिस्ट्री के बारे में बताएं सब कुछ 
कुछ व्यक्ति टर्म प्लान को खरीदते समय अपनी मेडिकल हिस्ट्री को छुपाते हैं. दरअसल, ऐसा करने के लिए उनके पास एक बड़ा कारण ये होता है कि कहीं उनकी बीमारी के बारे में जानकारी देने से पॉलिसी में कोई रुकावट ना आ जाए, या फिर उन्हें बीमा पॉलिसी के लिए कहीं अधिक प्रीमियम न देना पड़ जाए. लेकिन ऐसा करना आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है और दावे के समय दिक्कत पेश आ सकती है. यही नहीं जानकारी छुपाने के चलते दावे का भुगतान तक खारिज हो सकता है. 

प्लान लेते समय जांच लें कंपनी का रिकॉर्ड
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प्लान लेते समय जांच लें कंपनी का रिकॉर्ड 
टर्म प्लान लेते समय अपनी आंख और कान खुले रखना चाहिए. कहने का मतलब ये है कि जब आप किसी कंपनी से प्लान खरीदें तो उससे पहले उसके बारे में ठीक उसी तरह से जांच पड़ताल कर लें, जैसे कि हम कोई भी महंगा सामान या प्रॉपर्टी खरीदने से पहले करते हैं. ऐसे में उस कंपनी के दावा निपटारे के डाटा से लेकर प्लान के तहत मिल रहे फायदों के बारे में पूरी जांच कर लें. बीमा कंपनियों का रिकॉर्ड खंगालने से आपको सही प्लान चुनने में आसानी होगी. 

कम प्रीमियम के चक्कर में ना पड़ें
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कम प्रीमियम के चक्कर में ना पड़ें
आमतौर पर देखा जाता है कि टर्म प्लान चुनते समय अक्सर लोग प्रीमियम को मानक बनाकर उसका चयन करते हैं. वो सोचते हैं कि कम प्रीमियम वाला टर्म प्लान खरीदना बेहतर होगा, लेकिन उनकी ये सोच ठीक नहीं है. टर्म प्लान में खासतौर से सिर्फ प्रीमियम को मानक ना बनाएं. अपनी जरूरत के हिसाब से बेहतर का चयन करें. विशेषज्ञ कहते हैं कि अपनी सालाना आमदनी के करीब 10 गुना तक का प्लान लेना चाहिए.

इस बीच बता दें कि टर्म प्लान के कम-ज्यादा प्रीमियम और उसके अलग-अलग लाभों के बारे में अच्छी तरह से तफ्तीश करके आप सही का चयन कर सकते हैं. एक और जरूरी बात यह कि टर्म पॉलिसी खरीदने की योजना को भविष्य पर न छोड़ें, इसे जितना जल्दी लेंगे, उतना ही कम प्रीमियम चुकाना पड़ेगा.

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