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यूटिलिटी

केंद्र का अनाज, राज्यों का डिस्ट्रिब्यूशन....क्या इस बार 80 करोड़ लोगों तक पहुंचेगा मुफ्त राशन

क्या इस बार पूरे बंट पाएंगे मुफ्त अनाज
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देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने हाहाकार मचाया हुआ है. संकट की इस घड़ी में गरीबों की थाली सूनी न रहे, इसके लिए केंद्र सरकार ने एक बार फिर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की शुरुआत की है. सरकार ने देश के 80 करोड़ लोगों को मई और जून में प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त देने का फैसला किया है. (Photo: File)

मई और जून में मुफ्त अनाज का ऐलान
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खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में सचिव सुधांशु पांडे ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के समान व्यवस्था की तर्ज पर अगले दो महीनों मई और जून, 2021 के लिए NFSA खाद्यान्न का आवंटन किया जाएगा. इसके तहत राज्यों को उनके नियमित एनएफएसए आवंटन के अलावा अतिरिक्त 80 एलएमटी खाद्यान्न उपलब्ध कराएगा. (Photo: File)

भारत सरकार इस पर 26,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी
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एनएफएसए और इस योजना के लिए मई और जून, 2021 में लगभग 179 एलएमटी खाद्यान्न की आपूर्ति की जाएगी, जिसके लिए एफसीआई पूरी तरह तैयार है और राज्यों/यूटी में खाद्यान्नों का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है. भारत सरकार इस पहल पर 26,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी. (Photo: File) 

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केवल राशनकार्ड धारकों को लाभ मिलेगा
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इस योजना का लाभ केवल राशनकार्ड धारकों को लाभ मिलेगा. अगर आपके राशन कार्ड में 5 लोगों के नाम दर्ज हैं तो सभी को 5-5 किलो यानी कुल 25 किलो अनाज मिलेगा. यह अनाज आपको राशनकार्ड पर हर महीने मिलने वाले अनाज से अलग होगा. अगर आपको राशनकार्ड पर हर महीने 25 किलो अनाज मिलता है तो मई और जून में 50 किलो महीने के हिसाब से मिलेगा. (Photo: File)
 

कहां से मिलेगा
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई और जून में दिया जाने वाला ये अनाज भी आपको उसी राशन की दुकान से मिलेगा, जहां से आप राशनकार्ड से अनाज लेते रहे हैं. लेकिन ये अलग से मिलेगा, आपको पहले से जो राशनकार्ड पर मिल रहा है वो मिलता रहेगा. (Photo: File)
 

पिछले साल नवंबर तक मिला था मुफ्त अनाज
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गौरतलब है कि पिछले साल सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दिवाली और छठ तक विस्तारित किया था, जिसकी शुरुआत अप्रैल महीने में हुई थी. पिछले साल कुल 8 महीने तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त में अनाज बांटे गए थे. (Photo: File)
 

राज्यों को अनाज बांटने की जिम्मेदारी
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हालांकि यह अनाज बांटने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है. पिछले साल कुछ राज्य अपने कोटे के आधे अनाज भी नहीं बांट पाए थे. केंद्र ने इसके लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराया था. राज्यों ने भी अनाज नहीं बांट पाने के कारण गिनाए थे. लेकिन इस बार उम्मीद है कि देश के 80 करोड़ लोगों तक अनाज पहुंच जाएगा. (Photo: File)

कुछ राज्य अनाज बांटने में बहुत पीछे
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बता दें, पिछले साल अप्रैल से ये योजना लागू हुई थी और जुलाई के पहले हफ्ते में एक आंकड़ा सामने आया था. आंकड़ों के मुताबिक, 26 से ज्यादा राज्य सरकारें मुफ्त अनाज के कोटे से 15 फीसदी अनाज भी नहीं बांट पाई थी. जबकि आधा दर्जन राज्यों ने केंद्र को पत्र लिख कर कह दिया था कि उनके राज्य में मुफ्त में अनाज लेने वाले मजदूर नहीं हैं. (Photo: File)

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