बिटकॉइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू लगातार टूट रही है. पहले टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के ट्वीट्स ने क्रिप्टो के बाजार को चोट पहुंचाई और अब चीन के कड़े रुख के चलते क्रिप्टोकरेंसी को नुकसान पहुंच रहा है. (Photo : Reuters)
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के ‘पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना’ के अपने सबसे बड़े बैंक के अधिकारियों को समन करने और AliPay को उसकी क्रिप्टोकरेंसी सर्विसेस प्रतिबंध लगाने के लिए वापस कहने के बाद से क्रिप्टोकरेंसी बाजार पर बेहद दबाव है. (Photo : Reuters)
कॉइन मार्केट कैप इंडेक्स के मुताबिक मंगलवार सुबह बिटकॉइन 3.65% टूटकर 32,908 डॉलर के मूल्य पर आ गया. एक हफ्ते में इसमें 18.62% की गिरावट दर्ज की गई है. अप्रैल में बिटकॉइन की वैल्यू 65,000 डॉलर तक पहुंच गई थी.(Photo : Getty)
बिटकॉइन के अलावा दूसरी अन्य डिजिटल करेंसी का भी बुरा हाल है. इथेरियम में 5.59% की गिरावट देखी गई है और इसका मूल्य 1,970.25 डॉलर पर है. जबकि ईथर का मूल्य 0.10% गिरा है. (Photo : Reuters)
डेल्टा एक्सचेंज के सीईओ पंकज बलानी का कहना है कि यदि बिटकॉइन के मूल्य में ऐसी गिरावट जारी रही, तो जल्द ही इसका मूल्य 30,000 डॉलर के आसपास आ सकता है. इससे बाजार की धारणा को ‘तगड़ी चोट’ पहुंचेगी और भारी बिकवाली का दौर दिखेगा. (Photo : Getty)
हालांकि बलानी क्रिप्टो बाजार को लेकर इतने भी निगेटिव नहीं है. उनका कहना है कि आने वाले हफ्तों में बाजार फिर रफ्तार पकड़ सकता है और बिटकॉइन 40,000 डॉलर के स्तर को छू सकता है. (Photo : Reuters)
बीजिंग ने पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव की चिंताओं के चलते देश में क्रिप्टोकरेंसी माइनर्स पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. वहीं इनर मंगोलिया के उत्तरी इलाके में इससे जुड़ी संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिए एक हॉटलाइन भी स्थापित की गई है. (File Photo)
चीन की सरकार स्थानीय सरकारों पर उनकी ऊर्जा जरूरतों को कम करने पर काफी दबाव बना रही है. इसकी वजह 2030 तक चीन अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के उच्च स्तर पर पहुंच जाएगा और देश ने 2060 तक खुद के लिए कार्बन न्यूट्रैलिटी पाने का लक्ष्य रखा है. ऐसे में बिटकॉइन को माइन करने के लिए कंप्यूटर्स को घंटो चलाना पड़ता है. (Photo : Reuters)