कोरोना संकट काल में देश पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है. इस बीच, कोरोना से प्रभावित आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और मौजूदा बढ़े खर्च को पूरा करने के लिए सरकार को कई सुझाव मिले हैं.
इन्हीं में से एक सलाह प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य नीलेष शाह और स्टेट बैंक म्यूचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी नवनीत मुनोट ने दी है.
नीलेष शाह ने भारतीयों के पास उपलब्ध बिना हिसाब किताब वाले सोने का भी इस्तेमाल करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि इससे नये व्यय और निवेश के लिए 300 अरब डॉलर तक उपलब्ध हो सकते हैं.
उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक भारतीयों के पास 25,000 टन सोना रखा हुआ है. एक ऐसी योजना लाई जा सकती है जो इसमें से कम से कम दस प्रतिशत सोने को निकाल सके. इससे टैक्स के रूप में 50 अरब डॉलर प्राप्त होंगे और 150 अरब डॉलर निवेश व खर्च के लिये उपलब्ध होंगे.
शाह ने स्वर्ण वित्त कंपनियों के काम की सराहना करते हुये कहा उन्होंने सोने को उत्पादक कार्यों में लगाया लेकिन उनके इस काम को और व्यापक बनाने की जरूरत है. शाह और मुनोट दोनों ने कहा कि नकदी की उपलब्धता ही है जो कि शेयर बाजार में मौजूदा तेजी का कारण बनी हुई है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने 2015 में 'गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम' की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत घर में पड़े सोने को जमा करने का विकल्प दिया गया लेकिन कम रिटर्न और सुरक्षा चिंताओं के कारण योजना को अच्छी प्रतिक्रया नहीं मिली.