देश में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल बढ़ा है. ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) के दौर में लोग जमकर क्रेडिट कार्ड से खरीदारी कर रहे हैं. लेकिन जिस तेजी से क्रेडिट कार्ड ता इस्तेमाल बढ़ा है, उसी रफ्तार से साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) के मामले भी बढ़े हैं. ऐसे में अगर आप भी जमकर क्रेडिट का इस्तेमाल शॉपिंग के लिए करते हैं, तो आपको सावधानी बरतने की जरूरत है. क्योंकि थोड़ी सी भी लापरवाही आपको बड़ा नुकसान करा सकती है. इसलिए साइबर फ्रॉड से बचने के लिए क्रेडिट कार्ड से जुड़े इन बातों का खास ध्यान रखें.
डिजिटल के इस दौर में अधिकतर क्रेडिट कार्ड कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन की की सुविधा मुहैया करा रहे हैं. लेकिन यह आपको ये भारी पड़ सकता है. दरअसल, यह सुविधा बिना पिन डाले पेमेंट करने में सक्षम बनाती है. ऐसे में अगर गलती से आपका कार्ड खो जाए या फिर गलत हाथों में पड़ जाए, तो यह आपको बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है.
क्रेडिट कार्ड होल्डर अपनी जरूरत के अनुसार, पॉइंट ऑफ सेल (POS) पर ट्रांजेक्शन की लिमिट तय कर सकते हैं. इसके तहत अगर आप आमतौर पर 5,000 रुपये से अधिक के लेन-देन के लिए क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो आप इतने का ही लिमिट तय कर सकते हैं. ऐसा करने से एक बार में आपके क्रेडिट कार्ड से इस लिमिट से ज्यादा का लेन-देन नहीं हो पाएगा.
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं और किसी विदेश यात्रा पर नहीं जा रहे हैं, तो इंटरनेशनल लेन-देन बंद करने का विकल्प चुन सकते हैं. इसे जरूरत पड़ने पर फिर से एक्टिव भी कर सकते हैं. इसके अलावा, किसी भी इंटरनेशनल ई-कॉमर्स या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का लिमिट सेट करना बेहतर होगा. क्योंकि कई बार
इंटरनेशनल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बिना ओटीपी के ही पूरे हो जाते हैं.
क्रेडिट कार्ड पर बैंक की ओर से निर्धारित लिमिट तक नकदी निकालने की सुविधा भी दी जाती है, लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए. नकदी निकालने के लिए आप क्रेडिट की जगह डेबिट कार्ड का ही इस्तेमाल करें. ऐसा इसलिए क्योंकि क्रेडिट कार्ड से जिस दिन आप नकदी निकालते हैं, उसी दिन से उस पर ब्याज लगना भी शुरू हो जाता है.
अक्सर क्रेडिट कार्ड कंपनियां कार्ड की लिमिट बढ़वाने के लिए ग्राहकों को मैसेज भेजती हैं या फिर कॉल करती हैं. यूजर्स भी उनके समझाने के बाद इसे बढ़वा लेते हैं. चाहे उनकी जरूरतें कम ही क्यों न हों. लेकिन क्रेडिट कार्ड की लिमिट को अपनी जरूरतों से हिसाब से रखने में ही भलाई है. यानी, जब जरूरतें कम हों तो लिमिट को कम करवा लें, इससे तय राशि से ऊपर की कोई भी एक्टिविटी अपने आप ब्लॉक हो जाएगी. हालांकि, जरूरत पड़ने पर इसे बढ़वा भी सकते हैं.