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यूटिलिटी

डिजिटल ब्रोकरों ने बदला शेयर बाजार में निवेश का तरीका, कैसे हैं ये आपके लिए फायदेमंद?

जब शेयर बाजार प्रौद्योगिकी से जुड़ गए
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दुनिया के कई शेयर बाजार 80 के दशक से प्रौद्योगिकी को अपनाने पर जोर देने लगे और 90 के दशक में तो लगभग सारे शेयर बाजार कम्प्यूटर आधारित एल्गोरिद्म से चलने लगे. तभी से शेयर बाजारों में कामकाज और निवेश का तरीका बदलने लगा.अब जब हम 2020 के दशक में है तो हमारे पास ऐसे कई डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं जो इन एल्गोरिद्म से निकलने वाले डेटा का एनालिसिस कर आपके लिए शेयर बाजार में निवेश को आसान बनाते हैं.
(Representative Photo)

फिनटेक बने डिजिटल ब्रोकर
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डिजिटल ब्रोकर को अगर आसान भाषा में समझा जाए तो ऐसे मोबाइल ऐप जो आपको एक ब्रोकर की तरह शेयर बाजार या अन्य तरह के निवेश विकल्पों के बारे में जानकारी देते हैं. साथ ही आपको निवेश करने में मदद भी करते हैं. असल में देखा जाए तो ये फिनटेक ही हैं. तकनीक का उपयोग करके वित्तीय सेवाएं देने वाली मोबाइल ऐप, डिजिटल प्लेटफॉर्म इत्यादि, जैसे कि जरोधा, ईटी मनी या ग्रो ऐप ये सभी एक तरह के डिजिटल ब्रोकर हैं.
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डिजिटल अर्थव्यवस्था ने दिया मौका
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डिजिटल ब्रोकरों को दुनियाभर में स्मार्टफोन के प्रचलन को मिलते बढ़ावे, लोगों की इंटरनेट तक आसान पहुंच और सरकारों के डिजिटल इकोनॉमी को आगे बढ़ाने से बहुत मदद मिली है. इससे ना सिर्फ पुरानी ब्रोकर कंपनियों के लिए नए रास्ते खुले बल्कि स्टार्टअप कंपनियों को भी बड़ा निवेश हासिल हुआ और उन्होंने बाजार में तरक्की की.
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कैसे बदला निवेश के तरीके को?
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एंजेल ब्रोकिंग के चीफ ग्रोथ ऑफिसर प्रभाकर तिवारी का कहना है कि इन मोबाइल बेस्ड ऐप को चलाना आसान है. साथ ही ये ऐप आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल कर शेयर बाजार के डेटा का फिल्टरेशन करती हैं और ग्राहकों को सटीक जानकारी देती है. इससे ग्राहक को कम समय में सही फैसला लेने में मदद मिलती है.
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शेयर बाजार में निवेश करना बनाया आसान
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डिजिटल ब्रोकरों के आने से लोगों के लिए शेयर बाजारों में खरीद-फरोख्त करना आसान हुआ है. एक जमाने में आप अपने ब्रोकर को कैश या चेक से पैसा देकर आते थे फिर जब भी किसी शेयर में निवेश करना या उसे बेचना होता था तो वो आपको फोन करता था फिर आप उसे अपना निर्णय बताते थे. ये काम अब भी जारी है लेकिन डिजिटल ब्रोकरों ने इस तरीके को बहुत बदल दिया है. क्योंकि इन मंच पर आप जब भी किसी शेयर की खरीद करते हैं तो डिजिटल पेमेंट गेटवे की मदद से पेमेंट कर सकते हैं और जब आप शेयर बेचते हैं तो बैंक एकाउंट को लिंक करके सीधे अपने खाते में पैसे ले सकते हैं.
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बचाते हैं ब्रोकिंग का पैसा
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डिजिटल ब्रोकरों के माध्यम से निवेश करने में एक और फायदा आपकी ब्रोकिंग फीस का होता है. कई मोबाइल ऐप बेस्ड डिजिटल ब्रोकर आपके पारंपरिक ब्रोकरों के मुकाबले बहुत कम या नॉमिनल फीस लेते हैं. इसकी वजह उनका अपने मंच पर कई तरह की सेवाओं को एक साथ उपलब्ध कराना है, क्योंकि इससे उनकी आय के विकल्प बढ़ जाते हैं और वह अपने खर्चे का लोड ग्राहकों पर नहीं डालते.
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साइबर सुरक्षा और डिजिटल पहचान ने की मदद
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एक समय था जब किसी निवेशक को अपनी पहचान साबित करने के लिए कई तरह के दस्तावेज जमा कराने होते थे और फिर ब्रोकर उसकी प्रत्यक्ष पहचान करता था. डिजिटल मंचों ने इस प्रक्रिया को आसान बना दिया. अब बस ग्राहक या निवेशक को डिजिटल मंच पर अपने दस्तावेज की फोटो जमा करनी होती है. उसके बाद अपनी फोटो और बस पहचान की पुष्टि (ई-केवाईसी) होते ही ग्राहक शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए तैयार होते हैं. इसी के साथ तकनीक की मदद से ये मंच ग्राहक के लिए साइबर सुरक्षा की पूरी तैयारियां भी करती हैं.
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