कोविड-19 की वजह से जॉब मार्केट की बैंड बजी हुई है. LinkedIn के एक सर्वे के मुताबिक जॉब मार्केट जहां अनुभवी लोगों के लिए मुश्किलें बनी हुई हैं. वहीं नए युवाओं के लिए जॉब पाना ही मुश्किल हो रहा है.
LinkedIn ने ये सर्वे Gen-Z के बीच किया है. मीडिया Gen-Z का इस्तेमाल उन लोगों के लिए करता है जिनका जन्म 1995 के बाद और 2010 से पहले हुआ है. अभी के हिसाब से देखा जाए तो इस ग्रुप में 18 से 24 साल तक की उम्र के लोग आएंगे. (Photo : Getty)
कोरोना की दूसरी लहर ने जॉब मार्केट पर ज्यादा बुरा असर डाला है. LinkedIn के सर्वे के मुताबिक Gen-Z के 70% यानी हर 10 में से 7 लोगों की जॉब एप्लिकेशन रिजेक्ट हो गई. लंबा वेटिंग पीरियड होने के बावजूद उन्हें पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिला. (Photo : Getty)
इतना ही LinkedIn के सर्वे के हिसाब से इतनी बड़ी संख्या में जॉब एप्लिकेशन रिजेक्ट होने से 90% लोगो डिमोटिवेटेड भी महसूस कर रहे हैं. यानी आर्थिक तनाव के साथ-साथ कोरोना की दूसरी लहर की वजह से उन्हें मानसिक तनाव भी हुआ है.
LinkedIn के सर्वे का अगर सही से एनालिसिस देखें तो ये देश की युवा पीढ़ी के भविष्य को दिखाता है. कोरोना ने उनके करियर और एजुकेशन प्लान को चौपट कर दिया है. LinkedIn ने इस पूरी रिपोर्ट को ‘Career Aspirations Gen Z India’ के नाम से जारी किया है.
LinkedIn के सर्वे के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर ने 72% स्टूडेंट और 65% Gen-Z भारतीयों पर प्रोफेशनली असर डाला है. इतना ही नहीं 72% स्टूडेंट का मानना है कि उनके लिए इंटर्नशिप के अवसर भी कम हुए हैं.