वित्त वर्ष 2021-22 की जून में खत्म होने वाली पहली तिमाही के लिए जीडीपी के शानदार आंकड़े सामने आए हैं. इससे यह संकेत मिल रहा है कि कोविड की दूसरी लहर के बाद इकोनॉमी पटरी पर लौट आई है. लेकिन इन आंकड़ों से बहुत खुश नहीं हुआ जा सकता. सच तो यह है कि अभी कोविड से पहले के दौर में भी इकोनॉमी नहीं पहुंची है, जबकि तब भी इकोनॉमी की रफ्तार सुस्त चल रही थी. यही नहीं आंकड़ों पर गहरी नजर डालने पर यह पता चलता है कि देश की इकोनॉमी तिमाही के हिसाब से अभी चार साल पीछे है. (फाइल फोटो: Getty Images)
कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार के लिए पहली बार जीडीपी के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है. मंगलवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही अप्रैल से जून में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट रिकॉर्ड 20.1 फीसदी रही है. जीडीपी में रिकवरी से इकोनॉमी की गाड़ी पटरी पर लौटने के संकेत मिल रहे हैं. (फाइल फोटो: Getty Images)
असल में यह शानदार ग्रोथ रेट इस वजह से भी है, क्योंकि पिछले साल की समान तिमाही में नेगेटिव 23.9 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट रही थी, यानी इसमें इतनी गिरावट आई थी. कोरोना संकट की वजह देश में पूरी तरह से लॉकडाउन था, इसलिए ऐसे खराब नतीजों की आशंका जाहिर की जा रही थी. (फाइल फोटो: Getty Images)
क्या है असलियत: असल में जीडीपी की इस तेज बढ़त के बावजूद सच्चाई तो यह है कि कोविड से पहले यानी साल 2019-20 की अप्रैल से जून की तिमाही से तुलना करें तो अभी उससे देश की जीडीपी करीब 9.2 फीसदी कम है. अप्रैल से जून 2019-20 की तिमाही में देश की कुल जीडीपी 35.66 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश की कुल जीडीपी फिलहाल 32.38 लाख करोड़ रुपये है. यानी दो साल पहले के मुकाबले जीडीपी करीब 9 फीसदी कम है. कोरोना से ठीक पहले की मार्च 2021 की तिमाही के 38.96 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले तो इस बार की जीडीपी करीब 17 फीसदी कम है. (फाइल फोटो: Getty Images)
इसे इस तरह से समझ सकते हैं. मान लीजिए 2019-20 की पहली तिमाही में जीडीपी 100 रुपये था, तो पिछले साल 2020-21 की पहली तिमाही में इसमें करीब 24 फीसदी की गिरावट आ गई, यानी जीडीपी 76 पर पहुंच गई. अब पिछले साल के मुकाबले इस साल जीडीपी 20 फीसदी बढ़ी, तो इसका मतलब है कि जीडीपी 76 से बढ़कर 91 रुपये तक पहुंच गई. यानी दो साल पहले के मुकाबले इकोनॉमी में अभी भी करीब 9 फीसदी की गिरावट है. (फाइल फोटो: Getty Images)
अभी चार साल पीछे है देश: सच यह है कि जीडीपी के आंकड़ों के मुताबिक देश का कुल उत्पादन अभी जो है वह चार साल पहले 2017-18 की पहली तिमाही के 31.18 लाख करोड़ रुपये के करीब ही है. यानी देश का कुल उत्पादन अभी चार साल पहले के लेवल पर ही है. (फाइल फोटो: Getty Images)
क्या होती है जीडीपी: किसी देश की सीमा में एक निर्धारित समय के भीतर तैयार सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहते हैं. यह बताता है कि किसी देश की इकोनॉमी का एक साल का कुल उत्पादन कितना रहा. यह किसी देश के घरेलू उत्पादन का व्यापक मापन होता है और इससे किसी देश की अर्थव्यवस्था की सेहत पता चलती है. (फाइल फोटो: Getty Images)