कोरोना महामारी की वजह से केंद्र सरकार ने एक बार फिर मई और जून महीने में देश के 80 करोड़ गरीबों को प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन मुफ्त देने का ऐलान किया है. सरकार का कहना है कि संकट की इस घड़ी में गरीबों की थाली सूनी न रहे, इसलिए उन्हें दो महीने तक मुफ्त अनाज दिया जाएगा.
दरअसल, पिछले साल कुछ राज्य अपने कोटे के आधे अनाज भी नहीं बांट पाए थे. केंद्र सरकार ने इसके लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराया था. क्योंकि यह अनाज बांटने की जिम्मेदारी राज्य की होती है. लेकिन इस बार तस्वीर बदली हुई है. पांच राज्यों ने तो दोनों महीने का अनाज केंद्र के गोदामों से उठा लिया है.
भारतीय खाद्य निगम (FCI) के आंकड़ों के मुताबिक, 24 मई तक आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना, लक्षद्वीप और पुडुचेरी ने मई-जून, 2021 के लिए पूरा आवंटन उठा लिया है. यानी इन राज्यों ने दोनों महीने के अनाज वितरण के लिए उठा लिए हैं. वहीं 26 राज्यों ने मई महीने के लिए अलॉट पूरे अनाज उठा लिए हैं.
जिन 26 राज्यों ने मई महीने के लिए आवंटित 100 फीसदी अनाज FCI से ले लिए हैं. उनमें गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, असम, छत्तीसगढ़, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़ और दमन दीव डी एंड एन एच हैं.
एफसीआई ने सभी 36 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 24 मई 2021 तक 48 एलएमटी मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति की है. वहीं कोविड महामारी के दौरान 25 मार्च, 2020 से अभी तक एफसीआई विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत कुल 1062 एलएमटी खाद्यान्न जारी कर चुका है.
इस योजना का लाभ केवल राशनकार्ड धारकों को लाभ मिलेगा. यह अनाज राशनकार्ड पर हर महीने मिलने वाले अनाज से अलग होगा. अगर राशनकार्ड में 5 लोगों के नाम दर्ज हैं तो सभी को 5-5 किलो यानी कुल 25 किलो अनाज अतिरिक्त मिलेगा. यानी राशनकार्ड पर हर महीने 25 किलो अनाज मिलता है तो मई और जून में 50 किलो महीने के हिसाब से मिलेगा.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के अंतर्गत दो महीने तक मुफ्त खाद्यान्न दिया जा रहा है. भारत सरकार को इस पहल पर 26,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. पिछले साल कुल 8 महीने (अप्रैल से अगस्त) तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त में अनाज बांटे गए थे.