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यूटिलिटी

आ गया FDI का डेटा, 10 साल में पहली बार मोदी सरकार को झटका, 16% लुढ़का विदेशी निवेश

मोदी राज में विदेशी निवेश घटा
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एफडीआई (FDI) के मोर्चे पर भारत को बड़ा झटका लगा है. 10 साल में पहली बार वित्त वर्ष 2022-23 में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 16.3 फीसदी घटकर 71 अरब डॉलर पर आ गया है. मोदी राज में ये पहली और बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी रिपोर्ट में ये जानकारी शेयर की गई है. इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 में एफडीआई का आंकड़ा 84.8 अरब डॉलर रहा था. 

एक दशक की पहली गिरावट
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एक दशक की पहली गिरावट 
देश के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment) में आई ये बड़ी गिरावट देश के लिए किसी झटके से कम नहीं है. RBI ने इन आंकड़ों को मासिक बुलेटिन स्टेट ऑफ दि इकोनॉमी (State Of The Economy) में बताया है. इसके मुताबिक, एफडीआई में ये एक दशक की पहली और बड़ी गिरावट है और इसके साथ ही नेट एफडीआई (Net FDI) में भी कमी देखने को मिली है. 

नेट एफडीआई में इतनी गिरावट
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नेट एफडीआई में इतनी गिरावट
आरबीआई के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में नेट एफडीआई का आंकड़ा 38.6 अरब डॉलर रहा था, जो पिछले वित्त वर्ष में 27.5 फीसदी तक कम होकर 28 अरब डॉलर रह गया. हालांकि, भारत की विकास प्रवृत्ति मजबूत बनी हुई है और  भारतीय बैंकों के पास पैसों की कोई कमी नहीं है

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इन सेक्टर्स में घटा है FDI
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इन सेक्टर्स में घटा है FDI 
आंकड़ों को देशें तो अनुसार, जिन क्षेत्रों में एफडीआई में सबसे ज्यादा कमी आई है, उनमें विनिर्माण, कंप्यूटर सेवाएं और संचार सेवाएं शामिल हैं. इस दौरान जिन देशों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कम हुआ है, उनमें अमेरिका, स्विट्जरलैंड और मॉरीशस शामिल हैं. यहां से एफडीआई कम हुआ है.

मूडीज ने कही ये बड़ी बात
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मूडीज ने कही ये बड़ी बात
हालिया जारी रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2022 में भारत का जीडीपी 3.5 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा रही है और आने वाले 5 सालों तक इंडियन इकोनॉमी जी20 देशों में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रहने वाली है. हालांकि, इस बीच भारत में ब्यूरोक्रेसी की लेटलतीफ रवैया का खामियाजा विदेशी निवेश (Foreign Investment) पर देखने को मिल सकता है. 

FPI के मोर्चे पर राहत
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FPI के मोर्चे पर राहत
एक ओर जहां एफडीआई में गिरावट देखने को मिली है. वहीं दूसरी ओर एफपीआई (FPI) के मोर्चे पर भारत की स्थिति में सुधार देखने को मिला है. बीते अप्रैल महीने के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors) ने घरेलू बाजार में शुद्ध खरीदारी की. उन्होंने शुद्ध आधार पर शेयर बाजार (Share Market) में 1.9 अरब डॉलर और डेट में 0.2 अरब डॉलर निवेश किया है. 

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