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यूटिलिटी

वित्त मंत्री की इस पेशकश पर बात बनी तो अचानक 47 रुपये लीटर तक हो सकता है पेट्रोल

पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने पर चर्चा करने को तैयार
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के सामने गुगली फेंकते हुए कहा कि वह पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर चर्चा करने को तैयार हैं. वित्त मंत्री ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि अगर जीएसटी परिषद की अगली बैठक के एजेंडे में पेट्रोल एवं डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में शामिल करने की बात लाई जाती है, तो वह उस पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं. (फाइल फोटो: PIB)  

जीएसटी कौंसिल में इस पर चर्चा की पेशकश
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अगर जीएसटी कौंसिल में इस पर चर्चा के बाद आम राय बनती है तो पेट्रोल एक झटके में घटकर 47 रुपये लीटर तक हो सकता है. लेकिन इस पर सहमति बनना आसान नहीं है. जानकारों का कहना है कि अगर पेट्रोल-डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाने पर सहमति बनती भी है तो इसे 28 फीसदी के ऊंचे टैक्स दायरे में रखा जाएगा, क्यों‍कि यह केंद्र और राज्यों के लिए राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है. 

सरकारों की कमाई में गिरावट आएगी
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अगर इस रेट पर भी सहमति बनी तो फिर पेट्रोल का भाव घटकर 47 रुपये के आसपास और डीजल 48 रुपये के आसपास हो सकता है. हाल में जारी SBI की ईकोरैप रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए तो इससे केंद्र और राज्य सरकारों की कमाई में सिर्फ 1 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आएगी, जो कि GDP का सिर्फ 0.4 फीसदी है. 

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पेट्रोल और डीजल केंद्र और राज्यों के लिए राजस्व के प्रमुख स्रोत
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असल में पेट्रोल और डीजल केंद्र और राज्यों के लिए राजस्व के प्रमुख स्रोत हैं, जिसकी वजह से सरकारें इसे जीएसटी के दायरे में लाने से हिचक रही हैं. जीएसटी के दायरे में पेट्रोल-डीजल को लाने से कुछ राज्यों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. 

एसबीआई ईकोरैप की रिपोर्ट
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राजस्व का सबसे अधिक नुकसान महाराष्ट्र को हो सकता है. एसबीआई ईकोरैप के मुताबिक महाराष्ट्र को 10,424 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. जबकि राजस्थान को 6388 करोड़ और मध्य प्रदेश के रेवेन्यू में 5489 करोड़ रुपये की कमी आ सकती है. 

पेट्रोल पर ऐसे लगता है टैक्स
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अभी कितना लगता है टैक्स: इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर दिए गए 16 मार्च तक के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में जब पेट्रोल की कीमत 91.17 रुपये लीटर थी तो इसमें बेस कीमत 33.26 रुपये प्रति लीटर है. इसके बाद इस पर 28 पैसे का भाड़ा जोड़कर 33.54 रुपये में डीलर को मिलता है. फिर इस पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 32.90 रुपये प्रति लीटर की लगती है. इसके बाद इस पर 3.69 रुपये डीलर का कमीशन होता है. इसके बाद राज्य सरकार वैट लगता है. दिल्ली के मामले में यह 21.04 रुपये प्रति लीटर है. 

कीमत करीब आधी हो जाएगी
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यानी एक लीटर पेट्रोल पर केंद्र और राज्य का टैक्स कुल करीब 54 रुपये है. लेकिन अगर जीएसटी के दायरे में पेट्रोल आता है तो इस पर टैक्स सिर्फ करीब 10.42 रुपये ही होगा. यहां हम टैक्स डीलर के कमीशन के बाद जोड़ते हैं. तो पेट्रोल की कीमत 47.65 रुपये होगी. इस तरह एक झटके में पेट्रोल की कीमत करीब आधी हो जाएगी. 
 

डीजल पर टैक्स करीब 44 रुपये
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इसी तरह डीजल की बात करें तो 16 मार्च के आंकड़े के अनुसार 81.47 रुपये लीटर की उसकी कीमत में बेस कीमत 35.22 रुपये थी. इस पर 31.8 रुपये की सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, 2.51 रुपये का डीलर कमीशन और 11.94 रुपये का वैट जुड़ता है. इस तरह से डीजल पर कुल टैक्स करीब 44 रुपये का था. अगर यह 28 फीसदी के जीएसटी के दायरे में आया तो इस पर टैक्स सिर्फ 10.56 रुपये का होगा. इस तरह डीलर का कमीशन आदि जोड़ने के बाद डीजल सिर्फ 48.29 रुपये लीटर में बिकेगा. 

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