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निर्मला बोलीं- 'घर के गहने' नहीं बेच रही है सरकार, उसे चमकाने की तैयारी!

विपक्ष को निर्मला का जवाब
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी कंपनियों के निजीकरण को लेकर 'घर के गहने' बेचने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि सरकार ने पहली बार विनिवेश की स्पष्ट नीति तैयार की है. उन्होंने कहा कि हमारा इरादा करदाताओं के पैसे को बुद्धिमता के साथ खर्च करने का है.

विनिवेश से सुधरेगी कंपनियों की सेहत
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निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार चाहती है कि सरकारी क्षेत्र के उद्यम भी अच्छा प्रदर्शन करें, इसके लिए विनिवेश जरूरी है. ऐसी कंपनियों की लिस्ट तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि सरकार सुनिश्चित कर रही है कि करदाताओं के पैसे सही जगह पर खर्च हो. 
 

घर के जेवर को बेचने का आरोप
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निर्मला सीतारमण ने रविवार को मुंबई में कारोबारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जो विपक्ष का आरोप है कि घर के गहने बेचे जा रहे हैं, ऐसा नहीं है. घर के जेवर को ठोस बनाया जाता है, ये हमारी ताकत होनी चाहिए. चूंकि आपने इतने खराब तरीके से इनपर खर्च किया कि इनमें से कई चल पाने में सक्षम नहीं हैं. कुछ ऐसे हैं, जो बेहतर कर सकते हैं, लेकिन उनके ऊपर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया.
 

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विनिवेश का लक्ष्य
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वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य इस नीति के माध्यम से ऐसे उपक्रमों को सक्षम बनाना है. उन्होंने कहा कि आपको उनकी आवश्यकता है, आपको उन्हें बड़े पैमाने पर ले जाने की आवश्यकता है, ताकि वे बढ़ते भारत की आकांक्षाओं को पूरा करें. (Photo: File)
 

बजट की तारीफ
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इस मौके पर हिंदुस्तान यूनिलीवर के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कहा कि बजट 2021-22 राहत, वसूली और सुधार पर ध्यान केंद्रित करने वाला 'न्यू डील' का भारतीय संस्करण है.

मनमोहन की बजट से तुलना
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बीएसई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशीष कुमार चौहान ने कहा कि इस बजट की तुलना में सिर्फ 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा प्रस्तुत सुधार दस्तावेज ही खड़ा हो सकता है.
 

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