कोरोना काल में दवा क्षेत्र की कई कंपनियों ने शानदार रिटर्न दिया है. पीटीआई की एक खबर के मुताबिक आरती फार्मा का रिटर्न 2020-21 में 501%, ऑरबिंदो फार्मा का लगभग दोगुना, दिविस का 104%, जेएंडबी केम का 145% और ग्रेन्युएल्स का रिटर्न लगभग 201% रहा है. वहीं फार्मा सेक्टर के म्यूचुअल फंड का रिटर्न भी 50% तक रहा है. ऐसे में इन 5 कंपनियों के IPO में निवेश अच्छा मौका हो सकता है.
(Photo : Supriya Life Sciences)
वर्ष 2021 में बाजार में कई IPO आने वाले है. इसमें दवा क्षेत्र की 5 प्रमुख कंपनी ग्लेनमार्क लाइफसाइंसेस, सुप्रिया लाइफसाइंसेस, विंडलाज बायोटेक, एम्क्योर फार्मा और वीडा क्लिनिकल रिसर्च के आईपीओ शामिल हैं. ये कंपनियां मिलकर कुल 7,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने जा रही हैं. आगे जानें कि किस कंपनी का आईपीओ कितना बड़ा और उनमें कैसा है निवेश का मौका...
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ग्लेनमार्क लाइफसाइंसेस, विंडलाज बायोटेक और सुप्रिया लाइफसाइंसेस के आईपीओ पहले ही बाजार में दस्तक दे सकते हैं. इन तीनों कंपनियों ने IPO के लिए जरूरी दस्तावेज सेबी के पास जमा कर दिए हैं और आने वाले कुछ ही महीनों में इनका आईपीओ आ सकता है. (Representative Photo : Getty)
ग्लेनमार्क लाइफसाइंसेज आईपीओ में 1,160 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी. इसके अलावा उसकी पेरेंट कंपनी ग्लेनमार्क कंपनी में 73.10 लाख शेयर की बिक्री करेगी. ग्लेनमार्क लाइफसाइंसेस 65 देशों में 130 से अधिक APIs की आपूर्ति करती है.
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सेबी पास जमा दस्तावेज के मुताबिक सुप्रिया लाइफसाइंसेस का कुल आईपीओ लगभग 1,200 करोड़ रुपये का है. इसमें कंपनी 200 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी. जबकि कंपनी के प्रमोटर सतीश वामन वाग 1,000 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फॉर सेल के लिए रखेंगे. (Photo : Supriya Life Sciences)
विंडलाज बायोटेक ने अभी तक जो जानकारी दी है उसके हिसाब से वह आईपीओ में 165 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी. इसके अलावा कंपनी मौजूदा प्रमोटर और शेयरहोल्डर 51.4 लाख शेयरों को बिक्री पेशकश के लिए रखेंगे. कंपनी की प्रमोटर विमला विंडलाज 11.4 लाख शेयर की बिक्री करने जा रही है. (Representative Photo : Getty)
दवा कंपनियों के इन आईपीओ में सबसे बड़ा आईपीओ एमक्योर फार्मास्युटिकल्स का हो सकता है. पीटीआई की खबर के मुताबिक बेन कैपिटल के निवेश वाली एमक्योकर फार्मा की IPO से 3,500 से 4,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की योजना है. इसमें नए शेयर और पुराने शेयरों की बिक्री शामिल है. (Photo : Emcure)
वहीं वीडा क्लिनिकल रिसर्च की प्लानिंग आईपीओ से 500 करोड़ रुपये निवेश जुटाने की है. इसमें जेएम फाइनेंशियल और एसबीआई कैपिटल कंपनी के मर्चेंट बैंकर हो सकते हैं. हालांकि कंपनी ने अभी तक सेबी के पास दस्तावेज जमा नहीं कराए हैं. (Representative Photo : Getty)
फार्मा सेक्टर में इतने आईपीओ आने और इनके भविष्य को लेकर जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेस के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि इस सेक्टर में APIs कंपनी का दबदबा बढ़ा है और भविष्य भी अच्छा है. इसकी एक बड़ी वजह कई दवा कंपनियां अब APIs की सोर्सिंग के लिए चीन से मुंह मोड़ रही हैं और भारत का रुख कर रही हैं. (Representative Photo : Getty)
अभी कोरोना की दूसरी लहर और आने वाले समय में तीसरी लहर की आशंक से दवा कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रह सकता है. कोरोना वैक्सीनेशन में भारत की प्रमुख भूमिका है. भारत का फार्मा सेक्टर दुनिया की 50% वैक्सीन सप्लाई करता है. अमेरिका की 40% से अधिक जेनेरिक दवाएं और ब्रिटेन की कुल 25% से ज्यादा दवाएं भारत से जाती हैं.
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