अगर आप खुद का बिजनेस खड़ा करना चाहते हैं, लेकिन पैसों के अभाव में ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो अब आपकी सरकार मदद करेगी. सरकार ऐसे लोगों को सरकार हर तरह से मदद कर रही है, जो नए आइडिया के साथ अपना रोजगार शुरू करना चाहते हैं. केंद्र सरकार स्वरोजगार के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, जिसका लाभ उठाकर आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं.
मुद्रा लोन: देश के युवाओं को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी बैंकों से लोन उपलब्ध कराया जाता है, ताकि वे अपने सपनों को सच कर सकें. इस योजना की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को हुई थी. मुद्रा योजना में तीन तरह के लोन दिए जाते हैं. शिशु मुद्रा लोन (50,000 रुपये तक), किशोर मुद्रा लोन (50,001 रुपये से 5 लाख रुपये तक) और तरुण मुद्रा लोन (5,00,001 रुपये से 10 लाख रुपये तक) में दिया जाता है. (Photo: File)
देश में मुद्रा योजना के तहत सबसे ज्यादा शिशु लोन बांटे गए हैं. करीब 88 फीसदी शिशु लोन दिए गए हैं. शिशु लोन के तहत अधिकतम 50 हजार रुपये लोन मिल जाते हैं. खासकर छोटे कारोबार के लिए लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं.
स्टैंडअप इंडिया योजना: अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए 5 अप्रैल 2016 को स्टैंडअप इंडिया योजना शुरू की गई थी. इस योजना का उद्धेश्य आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देते हुए जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देना है. इस योजना के तहत 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन मंजूर किए जा चुके हैं.
एक लाख से ज्यादा लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं. अब इस योजना का विस्तार भी वर्ष 2025 तक कर दिया गया है. इसके तहत पात्र लाभार्थियों को 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया जा सकता है.
MSME लोन: आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत कारोबारियों को बिजनेस सेटअप के लिए आसानी से लोन उपलब्ध कराया जा रहा है. अगर आप बड़ा बिजनेस सेटअप करना चाहते हैं तो फिर MSME लोन ले सकते हैं. इस योजना के तहत आप 1 करोड़ रुपये तक लोन उठा सकते हैं. देश लगभग सभी बड़े बैंक और NBFC से संपर्क कर सकते हैं.
स्वनिधि योजना: अगर आप पूंजी के अभाव में रेहड़ी-पटरी नहीं लगा पा रहे हैं तो बिना गारंटी आप 10,000 रुपये तक लोन ले सकते हैं. इस स्कीम का नाम पीएम स्वनिधि योजना है. सबसे खास बात यह है कि इस योजना के तहत कर्ज लेने के लिए कोई गारंटी देने की जरूरत नहीं है. सरकार ने देशभर में लगभग 50 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को इस तरह ऋण देने की योजना बनाई है.
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इस योजना की शुरुआत हुई है. इस योजना की जिम्मेदारी केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के पास है. रेहड़ी-पटरी वालों को यह कर्ज एक साल में मासिक किस्तों में लौटाना होगा. कर्ज समय पर चुकाने वाले लोगों को 7 फीसदी सालाना की ब्याज सब्सिडी भी मिलेगी. साथ में 1200 रुपये तक की कैशबैक की भी सुविधा है.