केंद्र सरकार ने विनिवेश की राह को आसान बनाने के लिए 36 से ज्यादा कंपनियां को वित्त मंत्रालय में ट्रांसफर कर दिया है. ये 36 कंपनियां भारी उद्योग मंत्रालय से लेकर वित्त मंत्रालय को सौंपा गया है.
जिन कंपनियों को सरकार ने वित्त मंत्रालय के हवाले किया है, उनमें BHEL, HMT, स्कूटर इंडिया और Andrew Yule का नाम शामिल है. दरअसल, मोदी सरकार ने विनिवेश कार्यक्रम को सुविधाजनक बनाने के लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) को वित्त मंत्रालय के तहत कर दिया है.
इससे पहले लोक उद्यम विभाग (Department of Public Enterprises) भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय का हिस्सा था. पीटीआई के मुताबिक अब लोक उद्यम विभाग को वित्त मंत्रालय के अंतर्गत लाया गया है, जो कि पहले भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन काम करता था. अब वित्त मंत्रालय के अधीन 6 मंत्रालय हो गए हैं.
गौरतलब है कि सरकार ने पहले से ही रणनीतिक बिक्री के लिए करीब 35 सीपीएसई की पहचान की है. इनमें एयर इंडिया, पवन हंस, बीईएमएल, स्कूटर्स इंडिया, भारत पंप कंप्रेशर्स और प्रमुख इस्पात कंपनी- सेल की भद्रावती, सलेम और दुर्गापुर इकाइयां शामिल हैं.
वहीं जिन अन्य सीपीएसई के एकमुश्त बिक्री के लिए मंजूरी दी गई है, उसमें हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट, एचएलएल लाइफ केयर, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्रिज ऐंड रूफ इंडिया, NMDC का नागरनार इस्पात संयंत्र और सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और आईटीडीसी की इकाइयां शामिल हैं.
बता दें, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के अपने बजट भाषण में दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी को निजीकरण का ऐलान किया था.
इसके अलावा भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लाने और आईडीबीआई बैंक में शेष हिस्सेदारी बेचने का भी प्रस्ताव है. मालूम हो कि सरकार ने 2021-22 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है.