धीरे-धीरे 2000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में घटते जा रहे हैं, इसकी एक बड़ी वजह यह है कि एटीएम से पिछले कुछ महीनों में 2000 रुपये के नोट कम निकल रहे हैं. पिछले दिनों कई बार ऐसी खबरें आईं कि सरकार ने 2000 रुपये की करेंसी की छपाई पर रोक लगा दी है. जिस पर अब सरकार ने संसद में सफाई दी है.
वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने लोकसभा में कहा कि सरकार ने 2000 रुपये के नोट की छपाई बंद करने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. लोकसभा में एक लिखित जवाब में अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसी खास मूल्यवर्ग के नोटों की प्रिटिंग का फैसला सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से सलाह के बाद लेती है.
वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 में 2000 के नोट की छपाई के लिए कोई मांग पत्र नहीं भेजा गया. लेकिन इसके बावजूद सरकार ने नोटों की छपाई को बंद करने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है. उन्होंने संसद में कहा कि 31 मार्च 2020 तक 2000 रुपये के 27,398 लाख नोट सर्कुलेशन में थे. जबकि मार्च 2019 तक 32,910 लाख नोट सर्कुलेशन में थे. वहीं 2018 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या 33,632 लाख थी.
रिजर्व बैंक की 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च, 2018 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या 33,632 लाख थी, जो मार्च, 2019 के अंत तक घटकर 32,910 लाख पर आ गई. मार्च, 2020 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या और घटकर 27,398 लाख पर आ गई.
रिपोर्ट के अनुसार, प्रचलन में कुल मुद्राओं में 2,000 के नोट का हिस्सा मार्च, 2020 के अंत तक घटकर 2.4 प्रतिशत रह गया. यह मार्च, 2019 के अंत तक तीन प्रतिशत और मार्च, 2018 के अंत तक 3.3 प्रतिशत था. रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से तीन साल के दौरान 500 और 200 रुपये के नोटों के प्रसार में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. मूल्य और मात्रा दोनों के हिसाब से 500 और 200 रुपये के नोट का प्रसार बढ़ा है.
केंद्रीय मंत्री ने आरबीआई के हवाले से कहा कि कोरोना संकट की वजह से लॉकडाउन के दौरान नोटों की छपाई बंद रही थी. लेकिन बाद में केंद्र/राज्य सरकारों की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार अब प्रिटिंग हो रही है. कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण की वजह से महाराष्ट्र के नासिक में मौजूद सरकारी छापेखाने में नोटों की छपाई तीन बार रोकनी पड़ी थी.