सरकार ने बुधवार को नए वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिए छोटी ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की थी. लेकिन 24 घंटे से भी कम समय में बृहस्पतिवार को सुबह-सुबह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्विटर पर ‘गलती से आदेश जारी’ हो जाने की जानकारी दी और फैसला वापस ले लिया.
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वित्त मंत्री ने अपने ट्वीट में जानकारी दी कि अप्रैल-जून की अवधि के लिए पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर जनवरी-मार्च 2021 की तिमाही के बराबर ही रहेंगी.
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लघु बचत योजनाओं में सबसे लोकप्रिय योजना पब्लिक प्रोविडेंट फंड है, इसकी वजह इस पर अच्छा ब्याज मिलना है. सरकार ने इसे घटाकर 6.4% वार्षिक किया था. लेकिन अब ये फिर से 7.1% ही रहेगी.
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देश में बच्चियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार ने 2015 में सुकन्या समृद्धि योजना पेश की थी. इस पर ब्याज दर को घटाकर 6.9% वार्षिक कर दी गई थी लेकिन अब ये फिर से 7.6% सालाना हो गई है.
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सरकार ने राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) और किसान विकास पत्र (KVP) योजनाओं के ब्याज पर भी कैंची चलाई थी. लेकिन फैसला वापस होने के बाद ये फिर से क्रमश: 6.8% और 6.9% सालाना हो गई हैं.
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