जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक 28 मई को होने जा रही है. यह बैठक करीब 7 महीने के बाद हो रही है. केंद्र सरकार से जीएसटी काउंसिल की बैठक में कोविड-19 की वैक्सीन समेत तमाम उपकरणों पर टैक्स छूट की मांग की जा रही है. मिल रही जानकारी के मुताबिक जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑक्सीन समेत कोविड-19 के इलाज से जुड़े कुछ उपकरणों पर राहत मिल सकती है. यानी जीएसटी की दरें कम हो सकती हैं.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर/जेनरेटर, पल्स ऑक्सीमीटर और कोविड परीक्षण किट पर जीएसटी की दरें 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की संभावना है. इन वस्तुओं पर घटी हुई दरें 31 जुलाई तक लागू रहेंगी, जबकि टेस्टिंग किट पर यह 31 अगस्त तक लागू रहेंगी. हालांकि जीएसटी काउंसिल 28 मई को अपनी आगामी बैठक में फिटमेंट पैनल की सिफारिशों पर अंतिम निर्णय लेगी.
पिछले हफ्ते फिटमेंट कमेटी ने कोविड-19 टीकों को जीएसटी राहत प्रदान करने पर विचार-विमर्श किया था. वैक्सीन पहले से ही 5 प्रतिशत के सबसे निचले स्लैब में है. सूत्रों से बिजनेस टुडे को पता चला है कि पैनल ने उसी लाइन को आगे बढ़ाया है, जो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पत्र के जवाब में कहा था. खत में कोविड के टीकों पर टैक्स छूट की मांग की गई थी.
अभी वैक्सीन पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है. कुछ राज्यों ने कोरोना की वैक्सीन को पूरी तरह टैक्स से मुक्त रखने या 0.1 फीसदी का मामूली टैक्स लगाने का सुझाव दिया है. सूत्रों ने बताया कि वैक्सीन पूरी तरह से टैक्स मुक्त संभव नहीं है. फिटमेंट कमेटी ने टीकों के लिए जीएसटी स्लैब पर यथास्थिति का सुझाव दिया है.
इसके अलावा अन्य कोविड वस्तुओं पर टैक्स में राहत की संभावना बहुत कम है. जिसमें पीपीई किट और एन-95 मास्क, ट्रिपल-लेयर मास्क और सर्जिकल मास्क शामिल हैं, जो फिलहाल 5 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब में हैं. GST काउंसिल द्वारा वेंटिलेटर (वर्तमान में 12%), हैंड सैनिटाइजर, तापमान जांच उपकरण पर भी कोई राहत देने की संभावना नहीं है, इस पर भी वर्तमान में 18 फीसद जीएसटी वसूला जाता है.
इसके अलावा एम्बुलेंस सेवाओं (वर्तमान में 28%), पोर्टेबल अस्पताल यूनिट्स (18%), RT-PCR मशीन (18%), आरएनए निष्कर्षण मशीनों (18%), जीनोम अनुक्रमण किट मशीन (12 फीसदी और 18 फीसदी) और निर्दिष्ट सूजन निदान किट पर 12% टैक्स लगता है. फिटमेंट पैनल ने जीएसटी काउंसिल को इन प्रोडक्ट्स और सेवाओं पर भी किसी तरह की राहत नहीं देने की सिफारिश की है.