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यूटिलिटी

प्रॉपर्टी कार्ड कैसे मिलेगा, SVAMITVA योजना से कैसे बदलेगी गांवों की तस्वीर?

एक लाख लोगों को मिले प्रॉपर्टी कार्ड
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'स्‍वामित्‍व' योजना के तहत बने प्रॉपर्टी कार्ड्स बांटे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के असर पर स्वामित्व (SVAMITVA) योजना की शुरुआत की थी. इसी के तहत प्रॉपर्टी कार्ड दिये गये हैं. पीएम मोदी के एक बटन दबाते ही देशभर के करीब एक लाख प्रॉपर्टी मालिकों को एक SMS गया. उसमें एक लिंक है जिस पर क्लिक कर वह अपना प्रॉपर्टी कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे. इसके बाद, राज्‍य सरकारें फिजिकल कार्ड इन लोगों को बांटेंगी. 

6 राज्यों के 763 गांवों के लोगों को कार्ड
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फिलहाल इस योजना के तहत 6 राज्यों के 763 गांवों के एक लाख लोगों को कार्ड दिये गये. इनमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100 मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो गांव शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले चार साल में इसके तहत देश के करीब 6.20 लाख गांवों को शामिल किया जाएगा. 

भूमि की पैमाइश ड्रोन के जरिए
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कैसे होगा सर्वे: 'स्‍वामित्‍व' योजना के तहत गांवों की भूमि की पैमाइश ड्रोन के जरिए होगी. ड्रोन से गांवों की सीमा के भीतर आने वाली हर प्रॉपर्टी का एक डिजिटल नक्‍शा तैयार होगा. साथ ही हर ब्लॉक यानी विकास खंड की सीमा भी तय होगी. SVAMITVA का पूरा नाम है Survey of Villages Abadi and Mapping with Improvised Technology In Village Areas यानी गावों का सर्वेक्षेण और ग्रामीण क्षेत्रों में नवीतनम तकनीक के साथ मैपिंग. इसके द्वारा गांवों में जमीन के सभी रिकॉर्ड डिजिटल हो जाएंगे. यह पंचायती राज मंत्रालय, राज्यों के पंचायती राज विभाग, राज्यों के राजस्व विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया का संयुक्त प्रयास है. 

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आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी
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कैसे बनेगा कार्ड: इस योजना के तहत प्रॉपर्टी कार्ड के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी. जैसे-जैसे मैपिंग, सर्वे का काम पूरा होगा, सरकार खुद ही सभी लोगों को उनकी प्रॉपर्टी का कार्ड देती जाएगी. गांव का सर्वे पूरा होने के बाद प्राप्‍त डेटा को पंचायती राज मंत्रालय के ई-ग्राम स्‍वराज पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. इसके बाद प्रॉपर्टी कार्ड बनना शुरू हो जाएगा. इसके बाद जमीन मालिकों को संपत्ति कार्ड जिला स्‍तर पर कैंप लगा कर सौंपें जाएंगे. जब आपके जिले के कलेक्‍टर के दिशानिर्देश में ड्रोन मैपिंग सर्वे कार्य पूरा करा लिया जाएगा  तब उन जमीनों पर काबिज लोगों से संपत्ति के प्रूफ मांगें जाएंगे. जिनके पास प्रूफ हैं, वह तुरंत इसकी फोटोकॉपी जमा कर सकते हैं, लेकिन कागजात न होने की स्थिति में भूमि पर काबिज व्‍यक्तियों को घरौनी नामक दस्‍तावेज बना कर दिया जाएगा. 

डिजिटल कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे
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डिजिटल रूप में यह कार्ड आपको कार्ड आपको जिला प्रशासन के पंचायती राज विभाग के द्धारा अथवा मोबाइल पर भेजे गये SMS के द्धारा प्राप्‍त होगा. इससे आप डिजिटल कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे और इसके आधार पर आप फिजिकल कार्ड भी ले सकेंगे. आपको इसके लिए इन दस्तावेजों को देने की जरूरत होगी- आधार नंबर, भूमि की खसरा खतौनी की नकल, भूमि दस्‍तावेज नहीं होने पर घरौनी की नकल. 

बैंकों से लोन आसान होगा
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क्‍या फायदा होगा: प्रॉपर्टी के मालिक को उसका मालिकाना हक आसानी से मिलेगा. एक बार प्रॉपर्टी कितनी है तय होने पर उसके दाम भी आसानी से तय हो पाएंगे. प्रॉपर्टी कार्ड का इस्‍तेमाल कर्ज लेने में किया जा सकेगा. पंचायती स्‍तर पर टैक्‍स व्‍यवस्‍था में सुधार होगा. प्रॉपर्टी का कार्ड होने से ग्रामीण लोग आसानी से बैंकों से लोन भी हासिल कर सकेंगे. 

जमीन के अधिकार को लेकर स्पष्टता
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कम होगी मुकदमेबाजी: गौरतलब है कि देश की करीब 70 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है, जहां जमीन-प्रॉपर्टी के स्वामित्व का लोगों के पास कोई प्रमाण नही होता. लोगों के पास मालिकाना हक का पुख्ता प्रमाण न होने से अक्सर विवाद और मुकदमेबाजी की स्थिति रहती है. SVAMITVA  से ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के अधिकार को लेकर स्पष्टता आएगी. इससे ग्राम पंचायतों के विकास की योजना बेहतर तरीके से हो सकेगी.इसके बाद ग्रामीणों को आसानी से उनके प्रॉपर्टी के मालिकाना हक वाला कार्ड दिया जा सकेगा, जिससे किसी तरह के विवाद की स्थिति नहीं रहेगी. 

सरकारी राजस्व हासिल करने में आसानी
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इससे सरकार को क्या फायदा: इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन-प्रॉपर्टी के लिए सटीक लैंड रिकॉर्ड्स उपलब्‍ध होंगे. प्रॉपर्टी टैक्‍स तय करने में मदद मिलेगी. इससे जो सर्वे इन्फ्रास्ट्रक्चर और GIS मैप्‍स तैयार होंगे उसे कोई भी सरकारी विभाग इस्तेमाल कर पाएगा. प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद और कानूनी मामले कम होंगे. 

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