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Personal Loan Tips: पर्सनल लोन लेते वक्त ध्यान रखें ये बातें, बैंक नहीं बताएगा... वर्ना बाद में पछताएंगे!

पर्सनल लोन लेते वक्त बरतें ये सावधानी
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आज के समय में लोन लेने की प्रक्रिया काफी आसान हो गई है. अचानक पैसों की जरूरत पड़ने पर लोग लोन का सहारा लेते हैं. घर खरीदने से लेकर शादी और किसी बीमारी के इलाज के लिए भी लोग लोन लेते हैं. कार और होम लोन के अलावा लोग पर्सनल लोन (Personal loan) भी लेते हैं. चूंकि पर्सनल लोन लेना आसान होता है. इसलिए लोग जरूरत पड़ने पर तुरंत पर्सनल लोन लेकर अपना काम निपटाते हैं. लेकिन अगर आपने कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा तो ये आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है. 

अन-सिक्योर्ड लोन 
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पर्सनल लोन को अन-सिक्योर्ड लोन माना जाता है. इसका मतलब ये है कि गोल्ड (Gold) और होम लोन (Home Loan) की तरह कोई कोलैटेरल या सिक्योरिटी नहीं जमा करना पड़ती है. आसाना भाषा में समझें, तो इस लोन को लेने के लिए कुछ भी गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती है. इस लोन की भुगतान की अवधि आमतौर पर 12 महीने से 60 महीने तक की होती है. 
 

ब्याज दरों का आंकलन करें
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अगर आप पर्सनल लोन लेने जा रहा हैं तो ब्याज दर (Interest Rates) का आकलन जरूर करें. क्योंकि अन्य किसी भी तरह के लोन की तुलना में पर्सनल लोन की ब्याज दरें अधिक रहती हैं. ये 10 से 24 फीसदी तक हो सकती हैं. ब्याज दर जितनी ज्यादा होगी, आपकी ईएमआई (EMI) उतनी ही अधिक बनेगी. ऐसे में पहली बात तो ये ध्यान में रखें कि पर्सनल लोन वहीं से लें, जहां सबसे कम ब्याज दर हो. 

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समय पर करें EMI भुगतान
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पर्सनल लोन चाहे किसी भी काम के लिए लिया गया हो, इस बात का विशेष ध्यान रखना जाहिए कि उसकी किस्त का भुगतान (Loan Payment) बिना देरी के समय पर हो. क्योंकि भुगतान में चूक का असर आपको आगे किसी भी तरह का लोन लेते समय पड़ सकता है. दरअसल, इसका कारण ये है कि पेमेंट सही समय पर ना करना आपके क्रेडिट स्कोर पर निगेटिव असर डालता है. 

वित्तीय स्थति के हिसाब से ही लें लोन
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किसी भी कर्ज का जाल आमतौर पर बेहद खराब होता है. कभी-कभी ऐसी स्थिति सामने आ जाती है, कि आप उसे ईएमआई (EMI) भरने में भी असमर्थ होते हैं. ऐसे में आपके द्वारा लिया गया कर्ज सिरदर्द बन जाता है. इसलिए बहुत जरूरी है कि आसानी से मिलने वाले पर्सनल लोन को लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि जितनी जरूरत हो उतना ही लोन लें. यानी जिस राशि का भुगतान आप आसानी से कर सकें उतना ही कर्ज लें. 
 

लोन की अवधि
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पर्सनल लोन लेते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि आप कितनी अवधि के लिए लोन लेना चाहते हैं. लंबी अवधि के लिए लोन लेने का मतलब है कि आपकी मासिक किस्त (EMI) की छोटी हो जाएगी. लेकिन आपको लंबे समय तक इसे भरना होगा और ब्याज भी ज्यादा देना होगा. वहीं अगर भुगतान अवधि कम रखते हैं, तो ईएमआई जरूर ज्यादा होगी. लेकिन ब्याज कम देना होगा. ऐसे में अपनी जरूरत के हिसाब से Personal Loan की अवधि का चयन करें.  
 

सावधानी से करें बैंक का चयन
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आज के समय में पर्सनल लोन (Personal loan) के लिए बैंकों और NBFC के ढेर सारे विकल्प मौजूद हैं. आप इनमें से अपनी सुविधा अनुसार किसी भी विकल्प को चुन सकते हैं.  लेकिन, आप ऋणदाता को चुनते समय जरूरी सावधानियां जरूर बरतें. इनमें ऋणदाता के द्वारा वसूले जाने वाले ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, सुविधा शुल्क और  अन्य चार्जेस की अच्छी तरह से पड़ताल करें.
 

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