सरकार बहुत जल्द देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का IPO लाने जा रही है. इसे देश का अब तक सबसे बड़ा आईपीओ माना जा रहा है. लेकिन अब खबर है कि सरकार इस आईपीओ को दो किस्तों में बांट सकती है. (File Photo)
सरकार के LIC IPO में अपनी 10% हिस्सेदारी बेचने की उम्मीद है. मिंट ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि सरकार अब इस हिस्सेदारी को दो किस्तों में बेच सकती है. जिसमें पहली किस्त में 5 से 6% की हिस्सेदारी बेची जा सकती है.
लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) के आईपीओ की पहली किस्त में सरकार 5 से 6% हिस्सेदारी बेच सकती है. बाद में सरकार के इतने ही प्रतिशत की हिस्सेदारी बेचने के लिए FPO (Follow-On Public Offering) लाने की उम्मीद है.
खबर के मुताबिक सरकार LIC का IPO दो किस्तों में क्राउडिंग आउट इफेक्ट से बचने के लिए लाना चाहती है. अर्थशास्त्र की भाषा में क्राउडिंग आउट इफेक्ट प्राइवेट सेक्टर के निवेश को नुकसान पहुंचाता है.
क्राउडिंग आउट इफेक्ट असल में एक इकोनॉमिक थ्योरी है. इसके हिसाब से जब कोई सरकार बाजार से उधारी बढ़ाती है और उसके व्यय में वृद्धि होती है तो इसका असर वास्तविक ब्याज दरों पर पड़ता है. इससे इकोनॉमी की ऋण देने की क्षमता कम होती है और प्राइवेट सेक्टर के लिए लोन महंगा हो जाता है. इससे प्राइवेट सेक्टर का नया निवेश प्रभावित होता है. (Photo : Getty)
LIC का IPO लाने के लिए उसके वैल्युएशन की प्रक्रिया चालू है. इसका वैल्यूएशन 12 से 15 लाख करोड़ रुपये के बीच रहने का अनुमान है. ऐसे में 10% हिस्सेदारी बेचने का मतलब हुआ कि सरकार बाजार से 1.2 लाख करोड़ से लेकर 1.5 लाख करोड़ रुपये तक उठाएगी. इससे बाजार में कैश फ्लो पर असर पड़ेगा और ये निजी कंपनियों के लिए क्राउडिंग आउट इफेक्ट की तरह काम करेगा.
जानकार बताते हैं कि अगर सरकार एक बार में LIC में 10% हिस्सेदारी बेचती है तो इससे इकोनॉमी की ग्रोथ को काफी नुकसान पहुंचेगा. सरकार का ये कदम देश में कर्ज को महंगा बनाएगा. (Photo : Getty)
खबर के मुताबिक सरकार LIC के IPO में आखिर कितनी हिस्सेदारी बेचेगी, इसे लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. इस आईपीओ से विनिवेश लक्ष्य पाना सरकार का एकमात्र लक्ष्य नहीं है. बल्कि सरकार को ये भी देखना है कि ये अर्थव्यवस्था पर क्या असर डालेगा. .(Photo : Getty)
मिंट ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि देश का ये सबसे बड़ा IPO जल्द बाजार में दस्तक दे सकता है. इसके इस साल दिसंबर तिमाही के अंत तक या अगले साल मार्च तिमाही में आने का अनुमान है.