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केवल लॉकडाउन नहीं, इन 4 कारणों से शेयर बाजार में भूचाल!

कोरोना संकट की वजह से बाजार में गिरावट
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पिछले साल मार्च में कोरोना संकट की वजह से शेयर बाजार में भूचाल आ गया था. 23 मार्च को निफ्टी 7600 के स्तर तक पहुंच गया था. अब एक बार फिर कोरोना की दूसरी लहर से आर्थिक संकट गहराने लगा है. जिसका असर शेयर बाजार पर दिख रहा है. सोमवार को सेंसेक्स 882 अंक गिरकर 47,949.42 पर और निफ्टी 258 अंक लुढ़ककर 14,359.45 पर बंद हुआ. (Photo: File)

लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित
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दरअसल, महाराष्ट्र-दिल्ली समेत कुछ राज्यों में लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होने लगी हैं. दूसरी लहर से निवेशक भी घबराए हुए हैं. जिसका असर बाजार पर दिख रहा है. कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकथाम के लिए राज्य अपने-अपने हिसाब से कदम उठा रहे हैं. 

कोविड की दूसरी लहर से संकट
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शेयर बाजार के जानकार मान रहे हैं कि कोविड की दूसरी लहर जिस तेजी से बढ़ रही है. उससे निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है. जानकार बाजार में गिरावट के पीछे मुख्यतौर पर 4 कारक मान रहे हैं. 

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कोरोना वायरस बढ़ते मामले
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कोरोना वायरस बढ़ते मामले
दुनिया भर में कोरोना महामारी की वजह से हाहाकार मचा हुआ है. कोरोना महामारी ने सभी रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं. देशभर में एक दिन में 2.7 लाख से ज्यादा केस सामने आए हैं. जबकि 24 घंटे में 1,500 से ज्यादा मौतें हुई हैं. कई राज्य लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रहे हैं, जिससे शेयर बाजार में भारी गिरावट आई.

उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं
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उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं
कंपनियों की चौथी तिमाही के नतीजे सामने आने लगे हैं. अभी तक जिन कंपनियों के नतीजे आए हैं, वो उम्मीद से कम है. उम्मीद की जा रही थी कि तीसरी तिमाही की तरह ही चौथी तिमाही के दमदार नतीजे रहेंगे. लेकिन उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं रहने से शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है. 

विदेशी निवेशक निकाल रहे हैं पैसे 
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विदेशी निवेशक निकाल रहे हैं पैसे 
मार्च तक विदेशी संस्थागत निवेशक (FPI) ने भारतीय शेयर बाजारों में जमकर निवेश किए. लेकिन अप्रैल में FPI भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं. सितंबर-2020 के बाद से सबसे अधिक निकासी अप्रैल में FPI द्वारा हुआ है. अप्रैल में अब तक FPI ने भारतीय शेयर बाजार से 4615 करोड़ रुपये निकाले हैं. जिससे बाजार को सपोर्ट नहीं मिल रहा है. 

GDP में गिरावट का अनुमान 
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GDP में गिरावट का अनुमान 
कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से रेटिंग एजेंसियां अब जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटा रही है. माना जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगी. पहले FY22 के लिए लगभग सभी रेटिंग एजेंसीज ने भारत का GDP ग्रोथ रेट 11% से ऊपर रहने का अनुमान लगाया था, लेकिन अब अनुमान घटाया जा रहा है.

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