गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य किए जाने के बाद लोगों के मन में घर पर रखी ज्वेलरी को लेकर दुविधा बढ़ गई है. घर में रखी ज्वेलरी को बेचने से लेकर गोल्ड लोन तक लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि पुरानी बिना हॉलमार्किंग की ज्वेलरी का क्या होगा? लोगों की इस चिंता पर सरकार ने पुरानी ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग के नियमों को लेकर सफाई जारी की है.
सोने की ज्वेलरी को लेकर गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम लागू हो गए हैं. इस नियम के मुताबिक अब ज्वेलर्स बगैर हॉलमार्क की ज्वेलरी या गोल्ड के किसी दूसरे आइटम को नहीं बेच सकते हैं. ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि उनके पास जो सोना या सोने की ज्वेलरी रखी है उसका क्या होगा? वो जानना चाहते हैं कि क्या उसकी भी हॉलमार्किंग करवानी होगी?
दरअसल, भारत में गोल्ड को लेकर लोगों में जबरदस्त दीवानगी है, वो हर खुशी के मौके पर सोने को खरीदने की कोशिश करते हैं. ऐसे में अचानक से नए गोल्ड हॉलमार्किंग के नियमों के बाद लोगों को डर सताने लगा है कि कहीं उनके पास रखे गोल्ड की वैल्यू घट तो नहीं जाएगी.
लोगों की इस दुविधा को दूर करते हुए सरकार ने साफ कर दिया है कि ज्वेलर्स ग्राहकों से पुराने सोने की बगैर हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी वापस खरीद सकते हैं. यानी लोगों के पास रखे सोने की ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग के नियमों का कोई असर नहीं होगा. देशभर के 256 जिलों में 16 जून से केवल हॉलमार्किंग गोल्ड ज्वेलरी बिकेगी.
बता दें, गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम केवल ज्वेलर्स के लिए हैं. वो ग्राहकों को बिना हॉलमार्किंग वाली गोल्ड ज्वेलरी नहीं बेच सकते. अगर ग्राहक के पास पहले से बिना हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी है तो उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा और उसे पहले की तरह बेचा जा सकता है.
अगर कोई ग्राहक सोने का कोई भी आइटम बेचने के लिए ज्वेलर्स के पास जाता है तो उसे पहले हॉलमार्किंग करवाने की जरूरत नहीं होगी और ना ही उसे बदलने की मजबूरी. ग्राहक अपनी गोल्ड ज्वेलरी को उसकी क्वालिटी के आधार पर मार्केट वैल्यू पर बेच सकता है. गोल्ड हॉलमार्किंग की वजह से उसकी कीमतों पर कोई असर नहीं होगा.
हालांकि अगर ज्वेलर चाहे तो पुराने ज्वेलरी की भी हॉलमार्किंग की जा सकती है. इसके अलावा, नए गहने बनाने के लिए सोने को पिघलाने के बाद हॉलमार्क भी जोड़ा जा सकता है. अगर कोई ज्वेलर ग्राहक से सोना खरीदकर उसे एक्सचेंज करने से मना करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है.