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यूटिलिटी

मोदी सरकार की इस योजना से जुड़े दो और प्रदेश, 65 करोड़ लोगों को फायदा

वन नेशन, वन राशन कार्ड का दायरा बढ़ा
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मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'वन नेशन वन राशन कार्ड' का दायरा बढ़ता जा रहा है. इस योजना से अब लक्षद्वीप और लद्दाख भी जुड़ गए हैं. इसी के साथ अब 26 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी उपलब्ध हो गई है.
 

65 करोड़ लोगों को फायदा
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केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान के मुताबिक 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जुड़ने के बाद कुल 65 करोड़ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के लाभार्थी फायदा उठा सकते हैं.
 

कौन से राज्य शामिल
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आपको बता दें कि 26 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, बिहार, दादर और नगर हवेली, दमन व दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, लक्षद्वीप, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं.
 

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मार्च 2021 तक का लक्ष्य
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वहीं बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नेशनल पोर्टेबिलिटी से मार्च 2021 तक जोड़ने का लक्ष्य है. अगले साल मार्च तक देशभर में वन नेशन वन राशनकार्ड योजना लागू होने के बाद एनएफएसए के लाभार्थी देश में कहीं भी अपने हिस्से का अनाज ले पाएंगे. 

प्रवासी मजदूरों को लाभ
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इसका फायदा खासतौर से उन लोगों को होगा जो रोजी-रोटी की तलाश में अस्थायी तौर पर एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं.
 

उदाहरण से समझिए
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मान लीजिए कि मोहित कुमार झारखंड का निवासी है और उसका राशन कार्ड भी झारखंड का है. वह इस राशन कार्ड के जरिए बिहार या दिल्ली में भी उचित मूल्य पर सरकारी राशन खरीद सकेगा. सरकार का कहना है कि इससे भ्रष्‍टाचार और फर्जी राशन कार्ड में कमी आएगी. मतलब कि किसी भी तरह की सीमा या नियमों का बंधन नहीं होगा. 

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