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यूटिलिटी

मोदी सरकार ने बदले बीमा लोकपाल के नियम, जानें क्या होगा बीमाधारकों को फायदा?

केंद्र सरकार ने किया बदलाव
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बीमा सेवाओं के बारे में लोगों की श‍िकायतों के समाधान को ज्यादा सहज, सुविधाजनक और पुख्ता बनाने के लिए केंद्र सरकार ने बीमा लोकपाल नियमों में व्यापक बदलावों को अध‍िसूचित कर दिया है. इससे बीमाधारकों को कई फायदे होंगे.  (फाइल फोटो) 

श‍िकायतों का किफायती समाधान
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इससे बीमा सेवाओं में किसी तरह की खामी के बारे में श‍िकायतों का किफायती समाधान हासिल हो सकेगा. सरकार ने मंगलवार को इंश्योरेंस ऑम्बड्समैन रूल्स संशोधन को नोटिफाई किया.

व्यवस्था में बदलाव की जरूरत
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गौरतलब है कि एक संसदीय समिति ने पिछले साल यह संकेत दिया था कि बीमा लोकपाल के बारे में विवाद समाधान और श‍िकायत निवारण व्यवस्था में बदलाव करने की जरूरत है. यह कहा गया कि जो मौजूदा व्यवस्था है वह बीमा कंपनियों के हित में ज्यादा है, बीमाधारकों के हित में कम है. (फाइल फोटो: PTI) 

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लोकपाल में की जा सकेगी श‍िकायत
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क्या हुए हैं बदलाव: नियमों में हुए बदलाव के बाद अब बीमा कंपनी,एजेंट, ब्रोकर और अन्य सभी तरह के मध्यस्थों की तरफ से हुई खामी या गड़बड़ी की श‍िकायत भी लोकपाल में की जा सकेगी. पहले सिर्फ बीमा कंपनी और बीमाधारक के बीच किसी विवाद की श‍िकायत ही लोकपाल से की जा सकती थी. 

वित्त मंत्रालय ने बदलावों का प्रारूप जारी किया था
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अब लोकपाल सिर्फ विवाद की हालत में नहीं बल्कि किसी बीमा कंपनी द्वारा सेवाओं में खामी के बारे में भी श‍िकायतों को सुनेगा और उन पर विचार करेगा. यह श‍िकायतें इश्योरेंस एक्ट 1938 या IRDAI रेगुलेशन 2017 के नियमों या प्रावधानों के किसी भी उल्लंघन के बारे में हो सकती हैं. वित्त मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में इन बदलावों का प्रारूप जारी किया था. यानी अब बीमा ब्रोकर भी लोकपाल के दायरे में आएंगे. (फाइल फोटो) 

ऑनलाइन कर सकेंगे श‍िकायत
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वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि समय से और कम खर्च में समाधान मिलने की इस व्यवस्था से बीमाधारकों का हित अब ज्यादा सुरक्ष‍ित हुआ है. अब बीमाधारक किसी भी तरह की श‍िकायत लोकपाल से ऑनलाइन कर सकेंगे और वे अपनी श‍िकायत के बारे में प्रगति को ऑनलाइन ट्रैक भी कर सकेंगे. (फाइल फोटो) 

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