निवेशकों के बीच New Pension System (NPS) ने पिछले कुछ सालों में अच्छी पकड़ बनाई है. इसकी बड़ी वजह कहीं ना कहीं इसके साथ सरकार के जुड़े होने का भरोसा, एक्स्ट्रा टैक्स सेविंग और अच्छा रिटर्न देना है. हाल ही में NPS ने एक साल में 60% का रिटर्न दिया है. तो क्या रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए ये सबसे अच्छा विकल्प है? (File Photo : Aajtak)
भारत सरकार ने NPS को 1 जनवरी 2004 से लागू किया था. ये एक रिटायरमेंट स्कीम है जिसे शुरुआत में केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए लाया गया था. लेकिन बाद में इसका विस्तार राज्य सरकारों के कर्मचारियों, व्यक्तियों और कॉरपोरेट कर्मचारियों के लिए भी कर दिया गया. NPS के फंड का मैनेजमेंट PFRDA करती है.(Photo : Getty)
NPS के पॉपुलर होने की वजह इसका नियमन सरकार के हाथ में होना तो है ही, साथ ही ये साल में 50,000 रुपये की जमा पर एक्स्ट्रा टैक्स सेविंग भी देती है. ये टैक्स सेविंग आयकर कानून की धारा 80(C) पर मिलने वाली छूट से अलग होती है. (Representative Photo)
NPS बाजार से जुड़ी निवेश योजना है. इसमें लगाया गया पैसा शेयर बाजार, कॉरपोरेट और सरकारी बांड में निवेश किया जाता है. निवेशक NPS की अलग-अलग स्कीम में से चुनाव कर सकते हैं कि उनका पैसा कहां निवेश किया जाए. शेयर बाजार में निवेश करने वाली स्कीम में जोखिम अधिक होता है, लेकिन इसमें रिटर्न भी अच्छा मिलने की उम्मीद होती है क्योंकि अगर बाजार का परफॉर्मेंस अच्छा होता है तो NPS की इस स्कीम का रिटर्न भी बढ़िया होता है. PFRDA एनपीएस के फंड को कई अलग-अलग फंड मैनेजर्स को देता है. अभी इनकी संख्या 7 है. (Photo : Getty)
एनपीएस के फंड का प्रबंधन करने के लिए वर्तमान में 7 कंपनियां काम करती हैं. ये कंपनियां आदित्य बिड़ला सन लाइफ पेंशन मैनेजमेंट, एचडीएफसी पेंशन मैनेजमेंट कंपनी, यूटीआई रिटायरमेंट सॉल्युशंस, एसबीआई पेंशन फंड्स प्राइवेट, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल पेंशन फंड्स मैनेजमेंट, कोटक महिंद्रा पेंशन फंड और एलआईसी पेंशन फंड हैं. (Photo : Getty)
पिछले कुछ समय से शेयर बाजार नई ऊंचाइयां छू रहे हैं. ऐसे में NPS के फंड मैनेजर्स ने NPS की शेयर बाजार में निवेश वाली स्कीम Tier-1 में एक साल में बढ़िया रिटर्न दिया है. सबसे अच्छा 59.56% का रिटर्न एलआईसी पेंशन फंड ने दिया है. जबकि सबसे कम रिटर्न भी 50.99% आदित्य बिड़ला सन लाइफ पेंशन मैनेजमेंट का रहा. इस तरह NPS की इस इक्विटी स्कीम में एवरेज रिटर्न बीते एक साल में 59.35% रहा. (Photo : Getty)
NPS में निवेश का फायदा उठाने के लिए निवेशकों को Tier-1 स्कीम लेना अनिवार्य है. ये NPS का एक तरह से बेसिक रिटायरमेंट प्लान है. इसमें 60 वर्ष की आयु पूरी करने तक का लॉक-इन पीरियड होता है. जबकि इसके अलावा NPS में कई और स्कीम जैसे कि Tier-2 लेवल की स्कीम होती हैं, निवेशकों को फ्लैक्सिबिलिटी देती हैं. Tier-2 लेवल में मौजूद अलग-अलग स्कीम में ग्राहक निवेश करने और विड्रॉल करने के विकल्प चुन सकते हैं. (Representative Photo)
विशेषज्ञों का मानना है कि NPS में अभी भले अच्छा रिटर्न मिला हो, लेकिन NPS में निवेश करने की ये इकलौती वजह नहीं होनी चाहिए. NPS में निवेशक को उतनी फ्लैक्सिबिलिटी नहीं मिलती जितनी म्यूचुअल फंड में, वहीं म्यूचुअल फंड में NPS जैसी न्यूनतम 10 साल या 60 वर्ष की आयु का होने तक की लॉक-इन पीरियड की बाध्यता नहीं होती. (Photo : Getty)
स्क्रिपबॉक्स के को-फाउंडर प्रतीक मेहता कहते हैं कि अगर आप सिर्फ निवेश की दृष्टि से देखें तो NPS में आपके निवेश का अधिकतम 75% ही शेयर बाजारों में निवेश होता है. जबकि म्यूचुअल फंड में आप अपनी मर्जी से पूरा निवेश कहां हो ये चुन सकते हैं. हालांकि NPS में 75% की कैप का एक फायदा ये भी है कि आपकी एक निश्चित आय तो पक्की है ही. (Photo : Getty)