कोरोना की दूसरी लहर की वजह से शेयर बाजार में थोड़ा दबाव देखने को मिला था. अप्रैल में आई गिरावट के बाद पिछले कुछ महीनों तक बाजार एक दायरे में कारोबार कर रहा था. क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर से निवेशक घबराए हुए थे. पहली लहर में निफ्टी गिरकर 7600 के स्तर को छू लिया था.
कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से अप्रैल में निफ्टी 14 हजार के आसपास पहुंच गया था, जबकि सेंसेक्स फिसलकर 28 हजार से नीचे चला गया था. लेकिन जैसे ही देश में कोरोना के मामले धीरे-धीरे कम हुए, शेयर बाजार में तेजी लौटने लगी है.
दरअसल, 15 जुलाई को सेंसेक्स ने हाई का नया रिकॉर्ड बना दिया है. वहीं निफ्टी भी ऑल टाइम हाई को पार करके 16 हजार के बेहद करीब पहुंच गया है. सेंसेक्स ने कारोबार के दौरान गुरुवार को 349 अंकों की तेजी के साथ 53,253.20 के स्तर को छुआ, जो इसका अब तक का ऊंचाई का रिकॉर्ड है.
वहीं निफ्टी ने कारोबार के दौरान 15,921 का नया रिकॉर्ड बनाया है. निफ्टी के सामने अब 16 हजार का एक छोटा बैरिकेड है. जो एक मनोवैज्ञानिक आंकड़ा है. पिछले एक साल में सेंसेक्स-निफ्टी की चाल को देखें तो निफ्टी का 52 वीक लो 10,749.65 है, वहीं सेंसेक्स का 52 वीक लो 35,894.96 है. यानी दोनों इंडेक्स अपने एक साल के न्यूनतम स्तर से 50 फीसदी से ज्यादा भागा है.
अब इस तेजी के बाद निवेशकों के मन में कई तरह के सवाल हैं. क्योंकि पिछले दिनों आरबीआई ने अपनी 2020-21 की एनुअल रिपोर्ट में चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि स्टॉक मार्केट में आर्थिक मंदी के बावजूद जोरदार रैली बबल फटने का डर पैदा कर रहा है.
रिटेल निवेशक क्या करें?
ऐसे में रिटेल निवेशक को मार्केट एक्सपर्ट और tradeswift के डायरेक्टर संदीप जैन की खास सलाह है. उनका कहना है कि अगर बाजार में तेजी के बाद थोड़ा करेक्शन आता है तो घबराना नहीं चाहिए. एकतरफा रैली के बाद थोड़ा करेक्शन शेयर बाजार के लिए हेल्दी रहता है.
हालांकि उन्होंने कहा कि बाजार अभी अपने ऑलटाइम हाई पर है, इसलिए निवेशक को सतर्क रहते हुए लॉन्ग टर्म के लिए क्वालिटी स्टॉक में ही नया निवेश करना चाहिए. इसके साथ ही संदीप जैन ने कहा कि रिजल्ट का सीजन है, और कई कंपनियां बेहतर नतीजे पेश कर रही हैं. ऐसे में बाजार को तिमाही रिपोर्ट का भी सपोर्ट मिल रहा है.