वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) के तहत चल रही 34 परियोजनाओं की समीक्षा की. बैठक का मकसद 3.6 लाख करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं को लागू करने में आ रही अड़चनों को दूर करना रहा. इन 34 परियोजनाओं में से 24 पर स्वास्थ्य मंत्रालय और 10 पर जल संसाधन, ग्रामीण विकास एवं गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय काम कर रहा है. इनका मूल्य क्रमश: 80,915 करोड़ रुपये और 2,79,604 करोड़ रुपये है.
क्या है एनआईपी?
देश के नागरिकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने और उनका जीवन स्तर बेहतर बनाने के लिए सरकार ने एनआईपी की रुपरेखा बनाई. इसका मकसद बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करना और देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना है. इसके तहत देश में परिवहन, ऊर्जा, लॉजिस्टिक, पेयजल एवं स्वच्छता, संचार और कमर्शियल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे करीब 34 क्षेत्रों में 7,421 परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है.
मोदी की महत्वकांक्षी योजना है एनआईपी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में देश के भीतर बुनियादी ढांचे के विकास का आह्वान किया था. उनके नेतृत्व वाली सरकार देश को पांच हजार अरब डॉलर (5 ट्रिलियन डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनाने के इरादे से बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रही है.
एक अध्ययन के मुताबिक देश की मौजूदा वृद्धि दर को बनाए रखने के लिए 2030 तक अवसंरचना क्षेत्र पर 4.5 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने की जरूरत है. इसी को ध्यान में रखते हुए एनआईपी की रुपरेखा बनाई गई. इसके लिए वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स बनाई गई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी अंतिम रपट 29 अप्रैल 2020 को जारी की.
क्या हुआ हालिया समीक्षा बैठक में
हालिया समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य और पेयक्या हुआ हालिया समीक्षा बैठक मेंजल मंत्रालय की कुल 34 परियोजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करने पर विचार किया गया. कोविड-19 महामारी के चलते अप्रैल में मंत्रालय के टास्क फोर्स ने एनआईपी के तहत अगले 6 साल में 111 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की रुपरेखा तैयार की थी. इसमें से करीब 71 प्रतिशत राशि का उपयोग ऊर्जा, सड़क, शहरी विकास और रेलवे इत्यादि पर किया जाना है.
क्या होगा लाभ?
एनआईपी के तहत केंद्र सरकार, राज्य सरकार, कॉरपोरेट इत्यादि सभी की भागीदारी को सुनिश्चित किया गया है. इससे विभिन्न परियोजनाओं में निजी निवेश बढ़ने का भी अनुमान है जिससे विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन होगा. साथ ही आर्थिक, कारोबारी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. पेयजल, पीएनजी इत्यादि की सुविधाएं बढ़ने से लोगों का जीवन स्तर भी बेहतर होगा.