कोरोना महामारी की दूसरी लहर की वजह से जिन रेटिंग एजेंसियों ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान पर कैंची चलाई है, उन्हें दोबारा से जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाना होगा. क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूत रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं. ये कहना नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की मानें तो चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिलेगी. हालांकि बीते वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की भारी गिरावट आई थी. कोरोना की पहली लहर ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी थी.
राजीव कुमार का कहना है कि देश में विनिवेश का माहौल बेहतर हुआ है और इकोनॉमी में 'काफी मजबूत' सुधार के संकेत मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था पर कोरोना की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर का बेहद कम असर हुआ है. केंद्र और राज्य सरकारों ने दोनों बार महामारी से निपटने के सबक सीखे हैं.
उन्होंने कहा कि अगर तीसरी लहर आती है तो उससे निपटने के लिए अधिक बेहतर तैयारी है. इकोनॉमी पर असर कम हो, इसकी भी पूरी तैयारी है. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में प्रवेश के साथ ही आर्थिक गतिविधियां और बेहतर होंगी. पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार ने हाल में 23,123 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वित्तपोषण की घोषणा की है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने भरोसा जताया कि अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार काफी मजबूत है और जिन एजेंसियों या संगठनों ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान को घटा दिया था, उन्हें संभवत: इसे संशोधित कर अब बढ़ाना पड़ेगा.
दरअसल कोरोना की दूसरी लहर की वजह से एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ के अनुमान को 11 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है, वहीं फिच रेटिंग्स ने भी वृद्धि दर के अनुमान को 12.8 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है. जबकि भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.
विनिवेश के सवाल पर राजीव कुमार ने कहा कि अब माहौल पहले से बेहतर है, और आगे चलकर और मजबूत होगी. भारत की कहानी काफी मजबूत है. विशेषरूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मामले स्थिति बेहतर है. उन्होंने बताया कि एफडीआई ने वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 की अप्रैल-जून की अवधि में नए रिकॉर्ड बनाए हैं.
इसके अलावा उनसे पूछा गया कि क्या निजी निवेश रफ्तार पकड़ेगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस्पात, सीमेंट और रियल एस्टेट जैसे कुछ क्षेत्रों में क्षमता विस्तार पहले ही उल्लेखनीय निवेश देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र में संभवत: अधिक समय लगेगा, क्योंकि महामारी को लेकर अनिश्चितता की वजह से अभी ग्राहक असमंजस में हैं.