कोरोना संकट की वजह से साल 2020 को हमेशा याद रखा जाएगा. इस महामारी ने आर्थिक मोर्चे पर सबसे ज्यादा झटका दिया है. दुनिया भर की तमाम इकोनॉमी की कमर टूट गई. लाखों लोग बेरोजगार हो गए. भारत में भी लॉकडाउन के दौरान बड़े पैमाने पर लोगों को अपनी रोजी-रोटी से हाथ धोना पड़ा. (Photo: File)
दरअसल, कोरोना कहर की वजह से मार्च में शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई. 23 मार्च 2020 को भारतीय शेयर बाजार में भूचाल आ गया था. निफ्टी लुढ़क कर 3 साल के न्यूनतम स्तर 7600 को छू गया था. लेकिन साल 2020 में ही शेयर बाजार उच्चतम स्तर का नया रिकॉर्ड बनाया. (Photo: File)
शेयर बाजार ने साल 2020 में सबको चौंकाया है. इस साल बाजार ने 7600 के न्यूनतम स्तर को छुआ तो अब 14500 के ऊपर कारोबार कर रहा है. कोरोना संकट की वजह से साल 2020 में बड़े पैमाने पर लोगों ने शेयर बाजार में दांव लगाया. क्योंकि साल 2020 में करीब 1 करोड़ नए डीमैट अकाउंट खुले. (Photo: File)
बड़े पैमाने पर डीमैट अकाउंट खुलने की वजह यह रही कि तमाम लोग कोरोना की वजह से घरों में बैठने को मजबूर हो गए थे, जिससे उनको शेयर बाजार से संबंधित पढ़ाई-लिखाई करने और अपना पोर्टफोलियो मैनेज करने का समय मिला. (Photo: File)
साल 2020 में जो करीब 1 करोड़ डीमैट अकाउंट खुले, उनमें से अप्रैल-जून के बीच सबसे ज्यादा खोले गए. यानी इस दौरान देश में लॉकडाउन था. घर बैठे लोगों ने बगैर फंड मैनेजर की मदद से शेयर बाजार में दांव लगाए. आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि नए रिटेल निवेशकों में से तमाम निवेशक टियर 1 और टियर 3 शहरों से हैं. (Photo: File)
शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि मार्च से बाजार में जो तेजी आई है, उससे रिटेल निवेशकों का पैसा बना है. इससे उनका हौसला बुलंद है. क्योंकि मार्च-अप्रैल में जिन निवेशकों ने बाजार पर दांव खेला, उन्हें अभी तक गिरावट से सामना नहीं हुआ है. लेकिन इस कोरोना संकट ने शेयर बाजार के प्रति लोगों के रुझान को बढ़ा दिया है. (Photo: File)