करोड़ों पीएफ खाताधारकों को इस साल नुकसान सहना पड़ सकता है. कोरोना संकट की वजह से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इस वित्त वर्ष के लिए ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. गौरतलब है कि ईपीएफओ का केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दरों को अंतिम रूप देने के लिए 4 मार्च को बैठक कर रहा है.
जानकारों का कहना है कि इस वर्ष के लिए ब्याज दरों में और कटौती की जा सकती हैं. पिछले वित्त वर्ष में वैसे ही ब्याज दर सात साल के निचले स्तर 8.5 फीसदी पर है. श्रीनगर में होने वाली इस बैठक के लिए अभी कोई आधिकारिक एजेंडा जारी नहीं किया गया है, लेकिन इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक इस बैठक में ब्याज दर पर विचार हो सकता है.
असल में कोरोना संकट के दौरान लोगों ने बड़ी संख्या और मात्रा में पीएफ की रकम एडवांस के रूप में निकाल ली है और इस कारोबारी साल में रोजगार में कमी आने की वजह से पीएफ योगदान भी कम हुआ है. इन सबकी वजह से पीएफ के कुल जमा रकम में कमी आई और स्वाभाविक रूप से इससे होने वाली आय भी घटी होगी.
ईपीएफओ के मुताबिक 31 दिसंबर 2020 तक 56.79 लाख क्लेम के द्वारा करीब 14,310.21 करोड़ रुपये की रकम एडवांस के रूप में पीएफ से निकाली गई है. अप्रैल से दिसंबर तक 73,288 करोड़ रुपये के 197.91 लाख फाइनल सेटलमेंट किए गए हैं, जो एडवांस, बीमा और कर्मचारियों की मौत पर दी जाने वाली रकम आदि को मिलाकर हैं.