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हमेशा हालमॉर्क ज्वेलरी ही खरीदें, लेकिन कैसे करें पहचान? आसान है तरीका

quick guide before buying gold jewellery
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सोने से बनी ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है. लेकिन इसके बावजूद लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं. इसकी वजह ये है कि ग्राहक सही से हॉलमार्क ज्वेलरी की पहचान नहीं कर पाते हैं और इसका फायदा ज्वेलर्स उठाते हैं. आज हम आपको सोने की ज्वेलरी की शुद्धता पहचानने का आसान तरीका बता रहे हैं. जिसके बाद आप चंद सेकंड में खुद पता कर लेंगे कि ये सोना कितने कैरेट का है.  

शुद्धता का ख्याल रखें
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शुद्धता का ख्याल रखें
दरअसल, गोल्ड ज्वेलरी खरीदते वक्त सबसे पहले उसकी शुद्धता का पता लगाएं. 24 कैरेट गोल्ड सबसे शुद्ध होता है. लेकिन कभी भी 24 कैरेट गोल्ड की ज्वेलरी नहीं बनती है. क्‍योंकि वो बेहद मुलायम होता है. आम तौर पर (ज्वेलरी) आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 91.66 फीसदी सोना होता है. इसके अलावा 20 कैरेट और 18 कैरेट की भी ज्वेलरी बनती है और बिकती है. 

शुद्धता की पहचान
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अगर आप 22 कैरेट सोने की ज्वेलरी लेते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि इसमें 22 कैरेट गोल्ड के साथ 2 कैरेट कोई और मेटल मिक्स किया गया है. वहीं जब आप 18 कैरेट की ज्वेलरी लेते हैं तो उसमें 6 कैरेट कोई और मेटल मिला होता है. अगर आप निवेश के लिए ज्वेलरी खरीद रहे हैं तो हमेशा 22 कैरेट की ज्वेलरी खरीदें. 

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कैसे करें हॉलमार्क की पहचान?
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कैसे करें हॉलमार्क की पहचान?
ज्वेलरी में शुद्धता को लेकर हॉलमार्क से जुड़े 5 तरह के निशान होते हैं, और ये निशान ज्वेलरी में होते हैं. इसमें से एक कैरेट को लेकर लेकर होता है. अगर 22 कैरेट की ज्वेलरी होगी तो उसमें 916, 21 कैरेट की ज्वेलरी पर 875 और 18 कैरेट की ज्वेलरी पर 750 लिखा होता है. वहीं अगर ज्वेलरी 14 कैरेट की होगी तो उसमें  585 लिखा होगा. आप खुद ज्वेलरी में इस निशान को देख सकते हैं. इससे शुद्धता में शक नहीं रहता.

फर्जी हॉलमार्क से बचें
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एक अहम बात कई ज्वेलर्स बिना जांच प्रकिया पूरी किए ही हॉलमार्क लगा रहे हैं. असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है. जो सोने की कैरेट की शुद्धता के निशान के बगल में होता है. ज्वेलरी पर निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है. 

हॉलमार्किंग के नियम
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हॉलमार्किंग में किसी उत्पाद को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है. भारत में बीआईएस वह संस्था है, जो उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जा रहे गुणवत्ता स्तर की जांच करती है. हॉलमार्किंग योजना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत संचालन, नियम और विनियम का काम करती है.

एक अहम बात
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एक अहम बात
ज्वेलर्स से हमेशा ऑरिजनल बिल लें. जिसमें लिखा हो कि आप जो ज्वेलरी खरीद रहे हैं, उसकी शुद्धता क्या है. यानी कितनी कैरेट की है. क्योंकि भविष्य में जब आप उस ज्वेलरी को कहीं बेचने जाएं तो उसकी प्योरिटी और वजन को लेकर कोई समस्या न हो.  

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