प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 70 साल के हो गए हैं. उनके बारे में कहाजाता है कि वह किसी भी काम को करने से पहले एक लक्ष्य निर्धारित करते हैं. देश के लोगों को उनसे काफी उम्मीदें हैं. आर्थिक तौर पर देश की तस्वीर बदलने के लिए उन्होंने एक लकीर खींची है. जब पहली बार नरेंद्र मोदी 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने 'स्वच्छ भारत मिशन' और हर परिवार को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने का नारा दिया था. उस समय उनकी यह योजना एक सपना भर था, लेकिन उन्होंने इसे अंजाम तक पहुंचाया. अब पीएम मोदी ने न्यू इंडिया बनाने के लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जो आज सपने लगते हैं, लेकिन अगर ये सपने सच हो गए तो देश की तस्वीर बदल सकते हैं.
आत्मनिर्भर भारत- कोरोना संकट से आर्थिक तौर पर पूरी दुनिया त्रस्त है. इस महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की भी कमर तोड़ दी है. लेकिन इस आपदा को अवसर में बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2020 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान का नारा दिया. पीएम मोदी का कहना है कि कोरोना संकट के बाद एक नया भारत बनकर उभरेगा, जो आत्मनिर्भर होगा. इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का इस्तेमाल होगा. जो देश की जीडीपी का लगभग 10 फीसदी है. पीएम मोदी की कोशिश है कि अगले कुछ सालों में भारत अपनी जरूरत की अधिकतर चीजों के लिए खुद पर निर्भर हो जाए.
पांच ट्रिलियन इकोनॉमी- पीएम मोदी ने वित्त वर्ष 2024-25 तक भारतीय इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है. कोरोना संकट ने भले ही इस लक्ष्य को कठिन कर दिया है. लेकिन अभी भी पीएम मोदी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कोशिशों में जुटे हैं. इस लक्ष्य तक अर्थव्यवस्था को पहुंचाने के लिए रास्ते में तमाम चुनौतियां हैं. पीएम मोदी ने 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी पर एक चर्चा के दौरान कहा था कि यह विचार उनके मन में अचानक नहीं आया है. यह देश की ताकत की गहरी समझ पर आधारित है. यह 130 करोड़ भारतीयों के सपनों से जुड़ी शपथ है.
किसानों की आय दोगुनी- कोरोना संकट में प्रतिबंधों की वजह से अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी से उतर गई है. लेकिन बेहतर कृषि उत्पादन से सरकार राहत की सांस ले रही है. पिछले कुछ सालों में कृषि क्षेत्र में बेहतरी के लिए कई कदम उठाए गए हैं. खुद पीएम मोदी ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. अब सरकार का पूरा फोकस किसानों की आय बढ़ाने वाली योजनाओं को अमल में लाने पर है. कांग्रेस की यूपीए सरकार ने जहां 2009 से 2014 के दौरान मात्र 1 लाख 21 हजार 82 करोड़ रुपये दिए थे, वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने 2014-18 के बीच, चार सालों में ही, 2 लाख 11 हजार 694 करोड़ रुपये दे दिए.
हर घर जल योजना- देश में अभी भी लोगों पीने के पानी लेने के लिए कई किलोमीटर दूर चलकर जाना पड़ता है. इसे देखते केंद्र सरकार हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का संकल्प लिया है. सरकार ने जल जीवन मिशन या हर घर जल योजना का ऐलान 2020-21 के बजट में किया था. इसका मकसद देश के सभी घरों में पाइपलाइन से साफ पानी पहुंचाना है. यह लक्ष्य पूरा करने के लिए 2024 तक का समय तय किया गया है. सरकार इस योजना पर 3.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी. लोगों को घर पर ही पीने का साफ पानी मिलेगा. अभी केवल 50 फीसदी घरों को ही पाइपलाइन से साफ पानी की आपूर्ति होती है.
2022 तक सभी को घर- मोदी सरकार ने साल 2022 तक देश सभी लोगों के लिए घर का वादा किया है. नवंबर 2016 में पीएम आवास योजना (ग्रामीण) को लॉन्च किया गया था. पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत हर लाभार्थी को 1.20 लाख रुपये का कुल अनुदान मिलता है. इसमें केंद्र और राज्य के बीच 60:40 का साझा अनुपात रहता है. सरकार ने साल 2022 तक 2.95 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य तय किया है. पीएम आवास योजना का लाभ ग्रामीण इलाकों में लोगों को खूब मिल रहा है.