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यूटिलिटी

इन रिश्तेदारों से ली गई आर्थिक मदद पर नहीं लगता इनकम टैक्स! जानें क्या हैं नियम

रिश्तेदारों से ली मदद होती है गिफ्ट
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आयकर कानून के हिसाब से रिश्तेदारों से ली गई मदद, उधार या पैसा डोनेशन ही माना जाता है और कानून इसे गिफ्ट के तौर पर देखता है. आयकर कानून के तहत सारे गिफ्ट टैक्स के दायरे में नहीं आते. कुछ को इससे छूट भी मिली है, लेकिन किसी व्यक्ति के सालभर में गिफ्ट स्वीकार करने की एक सीमा है. इतना ही नहीं कुछ बहुत करीबी रिश्तेदारों से ली मदद टैक्स फ्री भी होती है. अब यदि कोरोना टाइम में आपको रिश्तेदारों से मदद जुटानी पड़ी है तो जान लीजिए कि किस से ली गई और कितनी रकम टैक्स-फ्री होगी. (File Photo : Aajtak)

साल में ले सकते हैं 50,000 तक की राशि
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आयकर कानून के हिसाब से एक व्यक्ति को सालभर में अधिकतम 50,000 रुपये मूल्य तक के गिफ्ट पर ही टैक्स से छूट मिलती है. लेकिन ये गिफ्ट स्वीकार करने की व्यक्तिगत सीमा है, ना कि परिवारिक. इसका मतलब परिवार का हर सदस्य साल में अधिकतम 50,000 रुपये तक टैक्स-फ्री गिफ्ट के तौर पर स्वीकार कर सकता है. इसमें नकद या किसी वस्तु के रूप में लिया गिफ्ट शामिल है. हालांकि कुछ रिश्तेदारों से ली गई मदद या गिफ्ट टैक्स-फ्री होता है.(Photo : Getty Images)

अधिकतम कितनी राशि हो सकती है टैक्स-फ्री
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अगर ऊपर के नियम को समझने की कोशिश करें, तो मान लीजिए आपके परिवार में 5 सदस्य हैं और सभी ने सिर्फ कोरोना टाइम में ही अपने रिश्तेदारों से गिफ्ट के तौर पर मदद स्वीकार की है. ऐसे में प्रत्येक अपने व्यक्ति 50-50 हजार रुपये की टैक्स-फ्री मदद स्वीकार कर सकता है. इस तरह एक परिवार के तौर पर अधिकतम 2.5 लाख रुपये की रिश्तेदारों से ली मदद टैक्स-फ्री होगी. (File Photo : Aajtak)

 

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गिफ्ट पर कौन-सी दर से लगेगा टैक्स
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ऊपर बताई गई 50,000 रुपये की सीमा से अधिक गिफ्ट में मिली राशि करदाता को ‘अन्य स्रोतों से आय’ के तौर पर दिखाना होती है. इस राशि पर कर का भुगतान उस पर लगने वाले टैक्स-स्लैब के आधार पर होता है. हालांकि मुसीबत की इस घड़ी में इस मदद पर टैक्स का ये नियम काफी दुखदायी है, लेकिन कुछ करीबी रिश्तेदारों से ली मदद पूरी तरह टैक्स-फ्री होती है. जानें आगे...
(Photo : Getty Images)

इन रिश्तेदारों से ली मदद पूरी तरह टैक्स-फ्री
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टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक सारे डोनेशन या गिफ्ट टैक्स के दायरे में नहीं आते. बहुत करीबी रिश्तेदारों से लिए गए गिफ्ट या उधार (मदद) पर टैक्स नहीं लगता और ये पूरी तरह टैक्स-फ्री होता है. करीबी रिश्तेदारों में किसी व्यक्ति के भाई-बहन या माता-पिता, माता-पिता के भाई-बहन, इन सभी के जीवनसाथी इत्यादि आते हैं. ऐसे में यदि आपने उधार या डोनेशन इन लोगों से स्वीकार किया है तो ये पूरी तरह कर-मुक्त होगा. (File Photo : Aajtak)

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