देश के रिटेल सेक्टर की सबसे बड़ी डील में से एक Reliance-Future Deal पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. इसे ई-कॉमर्स कंपनी Amazon के लिए एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से Amazon के हाथ कुछ आया या नहीं, अगर हां तो कितना..(Photo : Reuters)
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से Amazon को क्या फायदा होगा, उससे पहले ये जान लेते हैं कि रिलायंस को क्या नुकसान होगा. रिलायंस की कंपनी Reliance Retail अब Future Retail का विलय नहीं कर पाएगी. इससे उसके पास Future Group का रिटेल, वेयर हाउस और लॉजिस्टिक कारोबार हासिल नहीं होगा. ये रिलायंस की रिटेल सेक्टर की भविष्य की योजनाओं के लिए एक बड़ा झटका है.
Reliance-Future Deal पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला Amazon को भारतीय रिटेल सेक्टर में आगे बढ़ने के लिए रॉकेट की रफ्तार दे सकता है. उसके पास Future Group की कंपनी Future Coupons में हिस्सेदारी पहले से है. वह चाहे तो इस डील को आगे बढ़ाकर रिटेल सेक्टर में बड़ा दावं खेल सकती है.
Future Group देश की सबसे बड़ी रिटेल कंपनियों में से एक है और उसके पास एक बड़ा कंज्यूमर बेस है. उसके पास Big Bazaar, Easyday, KB Fairprice, Foodhall, Food Bazaar जैसे बड़े ब्रांड हैं. इनमें छोटे सुपर मार्केट से लेकर हाइपर मार्केट जितने बड़े स्टोर सब शामिल हैं. कंपनी राशन से लेकर कपड़ों तक की रिटेलिंग में काम करती है. ऐसे में Future Group पर कंट्रोल किसी भी कंपनी को ‘रिटेल सेक्टर का राजा’ बना सकता है.
अगर Amazon फ्यूचर ग्रुप के साथ अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाती है तो उसे Future Retail के देशभर में फैले करीब 1,700 स्टोर तक पहुंच मिलेगी. साथ ही Future Group की सप्लाई चेन, लॉजिस्टिक और वेयरहाउस पर भी एक्सेस मिलेगा. वहीं Amazon के पास अपना खुद का वेयरहाउस, प्रोडक्ट की सोर्सिंग और देश के ज्यादा से ज्यादा पिनकोड पर डिलिवरी करने का सिस्टम है. इस तरह Future Group के साथ ये डील उसे देश के रिटेल सेक्टर पर ‘रानी’ की तरह राज करने का मौका देगी.
ई-कॉमर्स कंपनियों को लेकर छोटे व्यापारियों के लगातार विरोध के बाद भारत सरकार ने इसी साल इन कंपनियों के लिए कुछ नए नियम प्रस्तावित किए हैं. जिनमें ई-कॉमर्स वेवसाइट पर खुद के सेलर को लिस्ट करने, खुद के ब्रांड को प्रमोट करने, सामान के आयात , फ्लैश सेल और भ्रामक विज्ञापन को लेकर कई नियम बनाए गए हैं. ऐसे में Amazon फिजिकल रिटेल सेक्टर में अपनी पैठ बनाना चाहती है ताकि रिटेल सेक्टर के लिए एक ओमनी चैनल बना सके.
भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. एक अनुमान के मुताबिक जिस तरह से देश में शहरीकरण बढ़ रहा है, वैसे ही संगठित रिटेल सेक्टर भी तेजी से बढ़ेगा. इसके अलावा ई-कॉमर्स मार्केट भी 2026 तक बढ़कर 200 अरब डॉलर यानी करीब 14,900 करोड़ रुपये का हो जाने का अनुमान है. ऐसे में कोई भी कंपनी भारत के रिटेले सेक्टर की अनदेखी कैसे कर सकती है. (Photo : Reuters)