अमीर हर कोई बनना चाहता है. लेकिन आज के दौर में युवाओं में अमीर बनने का ज्यादा क्रेज है. कुछ युवा जल्दी अमीर बनने के लिए शॉर्टकट रास्ते पर चल पड़ते हैं, और जोखिम को नजरअंदाज कर देते हैं. दरअसल, पिछले कुछ महीनों में युवाओं में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर क्रेज बढ़ा है.
बीते दिनों क्रिप्टोकरेंसी ने जिस तेजी से निवेशकों को मालामाल किया है, उससे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बढ़ा है. इस साल अप्रैल में बिटक्वाइन का भाव तेजी से बढ़कर 65,000 डॉलर के करीब पहुंच गया था. फिलहाल गिरावट के बावजूद भाव 30,000 डॉलर के करीब चल रहा है.
भारत में तेजी से युवा क्रिप्टोकरेंसी के पीछे भाग रहे हैं, इसकी वजह यह है कि इन्वेस्टमेंट का ड्यूरेशन काफी कम होता है, और रिटर्न खूब उम्मीद होती है. बिटक्वाइन में निवेश को लेकर गूगल में सर्च करने वालों की तादाद तेजी से बढ़ती जा रही है. लेकिन इसके जोखिम भी हैं. जिसके बारे में लोगों को पूरी जानकारी नहीं है.
पिछले एक साल में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश 200 मिलियन डॉलर से बढ़कर 40 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है. इसमें बिटक्वाइन, डोजिक्वॉइन, इथीरियम शामिल है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले अधिकतर 18-35 साल के युवा हैं. भारत में क्रिप्टो में ट्रेडिंग करने वालों की संख्या 1.5 करोड़ के करीब है. जबकि अमेरिका में इनकी संख्या 2.3 करोड़ और यूके में महज 2.3 मिलियन है.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के 10 बड़े खतरे
1. क्रिप्टोकरेंसी की कीमत जितनी तेजी से बढ़ती है, उतनी ही तेजी से गिरती भी है. अधिकतर निवेशक समझ नहीं पाते हैं कि किस वजह से गिरावट आ रही है और फिर वे घबराकर नुकसान में क्रिप्टोकरेंसी बेच देते हैं. पिछले दो महीनों में बिटक्वाइन का भाव गिरकर आधा से कम रह गया है.
2. भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अनिश्चितता बरकारार है. क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी को कोई मान्यता नहीं मिली हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाया हुआ है और उसने बैंकों और फिनटेक कंपनियों को कह दिया है कि वर्चुअल करेंसी में डील करने वाली संस्थाओं को सेवा देना बंद कर दें. ऐसे में कभी भी इसके गैरकानूनी घोषित किए जाने का खतरा बना रहता है. इसके बावजूद अगर आप इसमें निवेश करते हैं तो जोखिम बना रहता है.
3. सरकारों का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी के साथ एक खतरा ये भी है कि इसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के तौर पर किया जा सकता है. जिससे देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है. इसलिए क्रिप्टो को भारत में नियामक से मंजूरी नहीं मिली है. भारत सरकार ने अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई बिल नहीं पास किया है.
4. क्रिप्टो की चाल देश दुनिया की खबरें भी तय करती हैं. पिछले दिनों टेस्ला के मालिक एलन मस्क के ट्वीट से बिटक्वाइन में भारी गिरावट देखने को मिली. छोटे निवेशकों के लिए ये एक बड़ा खतरा है.
5. साइबर सिक्योरिटी से संबंधित खतरे और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करने को लेकर बनी अनिश्चितता भी एक बड़ी वजह है, जिससे निवेशकों को नुकसान हो सकता है. क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन एक कोड और पासवर्ड के जरिए किया जाता है. जिसे भूलने पर इसमें लगाई पूरी रकम डूब सकती है.
6. भारत में लोग WazirX, Unocoin, CoinDCX, Zebpay, Coin Switch Kuber जैसी Apps के जरिए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. लेकिन अभी इनमें से कई Apps में निवेश को लेकर सभी शर्तें साफ नहीं है, इसलिए निवेशकों के लिए खतरा बरकारार है. हाल ही WazirX को बड़ी मात्रा में लेनदेन को लेकर भारत सरकार ने नोटिस थमाया था.
7. क्रिप्टोकरेंसी का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसके लिए कोई नियम नहीं है. इसे कंट्रोल करने के लिए कोई देश, सरकार या संस्था नहीं है जिससे इसकी कीमत कभी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो कभी बहुत ज्यादा गिर जाती है, ऐसे में इसमें इन्वेस्ट करना जोखिम भरा है.