इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी सैमसंग कोरोना वैक्सीनेशन अभियान में भारत की मदद के लिए 10 लाख LDS (Low Dead Space) सिरिंज का आयात कर रही है. ये सिरिंज देश में कोरोना वायरस की वैक्सीन की बर्बादी को कम करने में कारगर है. आगे जानें कैसे कम करती है ये सिरिंज वैक्सीन की बर्बादी...
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सैमसंग का कहना है कि LDS सिरिंज से इंजेक्शन के बाद सिरिंज में वैक्सीन बची मात्रा न्यूनतम रहती है. इससे वैक्सीन की बर्बादी कम होती है और वैक्सीन की पहले जितनी मात्रा से और ज्यादा लोगों को टीका दिया जा सकता है. (Photo : AP)
सैमसंग का कहना है कि इन LDS सिरिंज से वैक्सीन की बर्बादी इतनी कम हो जाएगी कि पहले जितनी उपलब्ध वैक्सीन से ही 20% अधिक लोगों का वैक्सीनेशन किया जा सकेगा. देश में 1 मई से 18+ लोगों का वैक्सीनेशन शुरू हुआ है, लेकिन वैक्सीन की कमी के चलते कई राज्यों में फिलहाल ये रुक गया है. ऐसे में LDS सिरिंज से वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने में मदद मिलेगी. (Photo : AFP)
सैमसंग ने दक्षिण कोरिया से इन सिरिंज को एयरलिफ्ट कराया है और इन्हें उत्तर प्रदेश के लखनऊ और नोएडा प्रशासन को भेज दिया है. लखनऊ और नोएड को ऐसी 3.25 लाख सिरिंज दी गई हैं. सैमसंग ने इस सिरिंज को बनाने वाली कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद की है. वैक्सीन के सही इस्तेमाल के लिए इन सिरिंज को अमेरिका समेत कुछ चुनिंदा बाजार में ही उतारा गया है. (File Photo : Aajtak)
सैमसंग ऐसी ही 3.5 लाख सिरिंज जल्द ही तमिलनाडु में ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन को देगा. इन सिरिंज को राज्य के विभिन्न जिलों में कोरोना वैक्सीनेशन केन्द्रों पर उपयोग में लाया जाएगा. कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट और सीएसआर हेड पार्थ घोष का कहना है कि इस चुनौतीपूर्ण समय में सैमसंग देश के साथ मजबूती से खड़ी है. पिछले कुछ हफ्तों में उसने ऑक्सीजन सिलेंडर और कंन्संट्रेटर देकर राज्य सरकारों की मदद की है. (File Photo : Aajtak)