इनसाइडर ट्रेडिंग पर लगाम लगाने के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर (SEBI) ने बड़ा कदम उठाया है. सेबी बोर्ड ने इनसाइडर ट्रेडिंग रेग्युलेशन को लेकर नियमों में बदलाव किया है. अब इनसाइडर ट्रेडिंग के बारे में जानकारी देने वालों को ज्यादा इनाम मिलेगा. (Photo: Getty Images)
SEBI ने मंगलवार को अपनी बोर्ड मीटिंग के बाद बताया कि रिवॉर्ड को बढ़ाने और इसके भुगतान की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बोर्ड ने रेग्युलेशन में संशोधनों की स्वीकृति दी है. अब सेबी को इनसाइडर ट्रेडिंग के बारे में जानकारी देने वालों को 10 करोड़ रुपये तक का इनाम मिलेगा.
दरअसल, इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर सेबी बिल्कुल सख्त है. इसलिए गड़बड़ी बताने वालों को अब 1 करोड़ के बदले 10 करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा. इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) और रीयल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) के नियमों में संशोधन को भी बोर्ड से मंजूरी मिल गई है. (Photo: Getty Images)
क्या है इनसाइडर ट्रेडिंग?
इनसाइडर ट्रेडिंग को भेदिया कारोबार भी कहते हैं. निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने भेदिया कारोबार पर रोक लगाई है. जब किसी कंपनी के मैनेजमेंट से जुड़ा कोई आदमी उसकी अंदरूनी जानकारी होने के आधार पर उसके शेयर खरीद या बेचकर गलत ढंग से मुनाफा कमाता है तो इसे इनसाइडर ट्रेडिंग या भेदिया कारोबार कहा जाता है.
इसके तहत सार्वजनिक न होने वाले मूल्य संवेदनशील जानकारी (यूपीएसआई) का दुरुपयोग करके शेयर बाजार में अवैध कमाई करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है.
असल में कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन को यह जानकारी रहती है कि आगे कंपनी ऐसे क्या कदम उठाने जा रही है कि उसके शेयरों में भारी बढ़त या भारी गिरावट आ सकती है. अगर इस जानकारी के आधार पर ऐसे किसी व्यक्ति ने जानकारी पब्लिक होने से पहले ही शेयरों की खरीद-फरोख्त कर मुनाफा बना लिया तो यह इनसाइडर ट्रेडिंग कहलाएगा.
सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने इनसाइडर ट्रेडिंग की पहचान करने के लिए मार्केट सर्विलान्स सिस्टम लागू किया है, ये सिस्टम मार्केट में असामान्य मार्केट पैटर्न पर निगरानी रखता है. सेबी ने इस सिस्टम में लगातार सुधार भी किया है. पिछले दिनों कई कंपनियों को सेबी द्वारा दंडित भी किया गया है.