म्यूचुअल फंड अलग-अलग तरह के होते हैं. जैसे ब्लूचिप फंड, लार्ज कैप फंड, फार्मा फंड, मिड कैप फंड वगैरह-वगैरह, लेकिन पिछले एक साल में जिस कैटेगरी के म्यूचुअल फंड ने 220% तक रिटर्न दिया है वो स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड है. क्या होते हैं स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड...
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म्यूचुअल फंड, अलग-अलग कंपनियों की कैपिटल के हिसाब से उनकी बास्केट बनाते हैं और फिर उनमें निवेश करते हैं. छोटी या थोड़ी पूंजी वाली कंपनियों को ‘स्मॉल कैपिटल’ कंपनियों के तौर पर भी जाना जाता है. इसलिए स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड ऐसी ही कंपनियों में निवेश करते हैं. इस कैटेगरी का एवरेज रिटर्न कितना है...
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अगर हम स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन हो देखें तो पिछले 3 साल में इनका प्रदर्शन सामान्य ही रहा है. लेकिन बीते एक साल में ये कैटेगरी लगातार टॉप में बनी हुई है. अगर बीते एक साल का इस कैटेगरी का एवरेज रिटर्न देखें तो इसने 120% का रिटर्न जेनरेट किया है. जबकि कुछ टॉप परफॉर्मर 220% तक का रिटर्न दे चुके हैं. कौन-कौन है टॉप परफॉर्मर ?
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स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड कैटेगरी में पिछले साल सबसे अच्छा परफॉर्मेंस ‘क्वांट स्मॉल कैप फंड’ का रहा, जिसने 217% का रिटर्न दिया. जबकि कोटक स्मॉल कैप फंड 139% रिटर्न के साथ दूसरा सबसे अच्छा परफॉर्मर रहा. अभी बाजार में कुल 24 स्मॉल कैप फंड है इनमें से 22 का रिटर्न पिछले एक साल में सैकड़े में रहा है. इस कैटेगरी में किसी फंड का न्यूनतम रिटर्न 96% रहा है.
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Equitymaster में सीनियर रिसर्च एनालिस्ट रिचा अग्रवाल कहती हैं कि 2018 में स्मॉल कैप फंड अपने निचले स्तर पर पहुंच गए थे, लेकिन कोविड के बाद इसमें फिर से निवेश बढ़ा है. ऐसे में 2018 से और अभी कोरोना के बाद की स्थिति में स्मॉल कैप कैटेगरी में काफी बदलाव हुए हैं, जो कंपनियां कमजोर थी वो और कमजोर हो गई और जो मजबूत थी वो और दमदार, इससे कंसोलिडेशन बढ़ा है. कंपनियों की बैलेंस शीट साफ सुथरी हुई और लिक्विडिटी की समस्या भी कुछ हद तक हुई है. इसलिए इस कैटेगरी में कंपनियों और म्यूचुअल फंड का परफॉर्मेंस सुधरा है.
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क्या आपको Small Cap Fund में निवेश करना चाहिए या नहीं? इस बारे में रिचा अग्रवाल कहती हैं कि शेयर बाजारों में पिछली बार जब स्मॉल कैप कंपनियों का इंडेक्स मजबूत हुआ तो 300% तक चढ़ गया था. जबकि इनका और ऊपर चढ़ना कंपनी-कंपनी के हिसाब बदलता रहता है. इस हिसाब से देखा जाए तो अभी स्मॉल कैप कैटेगरी के अभी थोड़ा और ऊपर चढ़ने की संभावना है.
लेकिन इस बारे में MyWealthGrowth के को-फाउंडर हर्षद चेतनवाला कहते हैं कि निवेशकों को अचानक से आए इस रिटर्न से प्रभावित नहीं होना चाहिए क्योंकि Small Cap और Mid Cap फंड के साथ काफी ज्यादा जोखिम होता है, साथ ही ये बहुत volatile नेचर के होते हैं.
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अब एक निवेशक के मन में ये सवाल उठता है कि उसे Small Cap में निवेश करना चाहिए या नहीं और अगर हां तो कैसे करना चाहिए. इस बारे में Ladderup Wealth Management के राघवेन्द्र नाथ कहते हैं कि Small Cap म्यूचुअल फंड निवेश करने वाले पक्के खिलाड़ियों के लिए हैं जो लाभ के साथ-साथ बाजार के जोखिम को भी समझते हों.
वहीं इस बारे में हर्षद चेतनवाला का कहना है कि Small Cap या Mid Cap कैटेगरी में अच्छे अवसर मौजूद हैं. इसके बावजूद किसी निवेशक को इसमें अपने कुल निवेश का एक छोटा हिस्सा ही निवेश करना चाहिए. जब वह इस बाजार से जुड़े जोखिम को समझने लगे तो अपने निवेश के हिस्से को बढ़ा सकता है.
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