अगर आप बाजार भाव से कम कीमत में सोना खरीदना चाहते हैं तो फिर आज से 3 सितंबर तक आपके पास मौका है. वित्त वर्ष (2021-22) के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) की सीरीज-6 सोमवार से ओपन हो गया है. यानी निवेशक इस सरकारी गोल्ड बॉन्ड में 30 अगस्त से 3 सितंबर तक निवेश कर पाएंगे.
RBI ने इस बार Sovereign Gold Bond के लिए 4,732 रुपये प्रति ग्राम का रेट तय किया है. अगर आप इस बॉन्ड को डिजिटल पेमेंट करके खरीदते हैं तो ये आपको 50 रुपये और सस्ता यानी 4,682 रुपये प्रति ग्राम पड़ेगा. वहीं बाजार में 30 अगस्त को 24 कैरेट 10 ग्राम गोल्ड का भाव 47547 रुपये है.
दरअसल, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बाजार में मौजूद गोल्ड के भाव से कम में उपलब्ध है. 30 अगस्त को कीमत की तुलना करें तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड प्रति 10 ग्राम बाजार भाव से करीब 700 रुपये सस्ता है. RBI के नियम के मुताबिक बॉन्ड 7 सितंबर को अलॉट किए जाएंगे.
सॉवरेन गोल्ड बांड्स की शुरुआत
साल 2015 से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश का विकल्प आया है. यह आरबीआई जारी करता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कम से कम एक ग्राम सोने की खरीदारी की जा सकती है. निवेशकों को ऑनलाइन या कैश से इसे खरीदना होता है और उसके बराबर मूल्य का सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड उन्हें जारी कर दिया जाता है. इसकी मैच्योरिटी पीरियड आठ साल की होती है. लेकिन पांच साल के बाद इसमें बाहर निकलने का विकल्प भी है. फिजिकली सोने की खरीदारी कम करने के लिए यह स्कीम लॉन्च की गई है. (Photo: File)
अगर फायदे की बात करें तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलता है. गोल्ड बॉन्ड में न्यूनतम एक ग्राम सोना का निवेश किया जा सकता है और आम आदमी के लिए अधिकतम निवेश की सीमा चार किलोग्राम है, जबकि हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए चार किलोग्राम और ट्रस्ट के लिए यह सीमा 20 किलोग्राम है. पिछले कुछ सालों में लोगों का रुझान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में तेजी से बढ़ा है. (Photo: File)
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का मकसद भौतिक रूप से सोने की मांगों में कमी लाना है, यानी लोग ज्वेलरी के बदल गोल्ड बॉन्ड खरीदें. फिजिकल गोल्ड की बजाए गोल्ड बांड को मैनेज करना आसान और सेफ होता है. सरकारी गोल्ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे सोने की रेट से कम होती है.
कहां से खरीदें गोल्ड बॉन्ड
जैसे ही सोने की कीमतों में इजाफा होता है, वैसे ही गोल्ड बॉन्ड निवेशकों को भी इसका फायदा मिलता है. ये बॉन्ड पेपर और इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होते हैं. जिससे आपको फिजिकल गोल्ड की तरह लॉकर में रखने का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता. इस गोल्ड की बिक्री बैंकों, डाकघरों, एनएसई और बीएसई के अलावा स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के जरिए होती है. (Photo: File)