scorecardresearch
 
Advertisement
यूटिलिटी

जल्द ही घटने वाली है आपकी टेक होम सैलरी, लेकिन संवर जाएगा भविष्य!

घट जाएगी होम टेक सैलरी
  • 1/9

हर कोई चाहता है कि उसकी सैलरी बढ़े, लेकिन फिलहाल सरकार के एक फैसले से आपको जो हर महीने सैलरी मिल रही है. उसपर भी कैंची चल सकती है. दरअसल, जल्द ही आपकी टेक होम सैलरी घटने वाली है. इसका एक फायदा भी है कि आपके पीएफ खाते में हर महीने का योगदान बढ़ जाएगा. (Photo: Getty Images) 

जल्द नए श्रम कानून
  • 2/9

केंद्र सरकार चारों श्रम कानूनों को लागू करने जा रही है. इस कानून को लागू होते ही आपके टेक होम सैलरी और पीएफ स्ट्रक्चर में बदलाव हो जाएगा. पीटीआई की खबर के मुताबिक बदलाव से आपकी टेक होम सैलरी घट जाएगी, जबकि भविष्य निधि यानी पीएफ में बढ़ोतरी हो जाएगी. (Photo: Getty Images) 

बढ़ जाएगा पीएफ में योगदान
  • 3/9

दरअसल नए कानून से कर्मचारियों के मूल वेतन (बेसिक) और भविष्य निधि की गणना के तरीके में उल्लेखनीय बदलाव आएगा. बता दें, श्रम मंत्रालय ने औद्योगिक संबंध, वेतन, सामाजिक सुरक्षा, व्यावसायिक और स्वास्थ्य सुरक्षा तथा कार्यस्थिति को एक अप्रैल, 2021 से लागू करना चाहता था. इन चार श्रम संहिताओं से 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को सुसंगत किया जा सकेगा. (Photo: Getty Images) 

Advertisement
राज्य और केंद्र के बीच बातचीत जारी
  • 4/9

मंत्रालय ने इन चार संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप भी दे दिया था. लेकिन इनका क्रियान्वयन नहीं हो सका, क्योंकि कई राज्य अपने यहां संहिताओं के तहत इन नियमों को अधिसूचित करने की स्थिति में नहीं थे. ऐसे में इन चार संहिताओं के तहत केंद्र और राज्यों दोनों को इन नियमों को अधिसूचित करना होगा, तभी संबंधित राज्यों में ये कानून अस्तित्व में आएंगे. (Photo: Getty Images) 

कानून को जल्द रूप देने की तैयारी
  • 5/9

वहीं कुछ राज्य इन कानूनों के क्रियान्वयन के लिए नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं. ऐसे में अगले एक-दो महीने में इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा, क्योंकि कंपनियों और प्रतिष्ठानों को नए कानूनों से तालमेल बैठाने के लिए कुछ समय देना होगा. (Photo: Getty Images) 
 

50 फीसदी तक होगा मूल वेतन
  • 6/9


नई वेतन संहिता के तहत भत्तों को 50 प्रतिशत पर सीमित रखा जाएगा. इसका मतलब है कि कर्मचारियों के कुल वेतन का 50 प्रतिशत मूल वेतन होगा. भविष्य निधि की गणना मूल वेतन के प्रतिशत के आधार पर की जाती है, इसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ता शामिल रहता है.
 

अभी बेसिक कम होने की वजह से पीएफ में कम योगदान
  • 7/9

अभी नियोक्ता वेतन को कई तरह के भत्तों में बांट देते हैं. इससे मूल वेतन कम रहता है, जिससे भविष्य निधि और आयकर में योगदान भी नीचे रहता है. नई वेतन संहिता में भविष्य निधि योगदान कुल वेतन के 50 प्रतिशत के हिसाब से तय किया जाएगा. 

क्या है फायदा 
  • 8/9

क्या है फायदा 
नए बदलाव के बाद बेसिक सैलरी 50 फीसदी या उससे भी ज्यादा हो सकती है. वहीं पीएफ बेसिक सैलरी के आधार पर ही कैलकुलेट किया जाता है, तो उसमें अब कंपनी और कर्मचारी दोनों का योगदान बढ़ जाएगा.   (Photo: Getty Images) 

 कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा
  • 9/9


पीएफ में कर्मचारियों का योगदान बढ़ने से कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा. इसके साथ ही ज्यादा बेसिक सैलरी का मतलब है कि ग्रैच्युटी की रकम भी अब पहले से ज्यादा होगी और ये पहले के मुकाबले 1 से डेढ़ गुना ज्यादा हो सकती है. 

Advertisement
Advertisement
Advertisement