कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने की वजह से ऑक्सीजन की किल्लत की खबरें आ रही हैं. मंगलवार को खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है. कुछ ही घंटे के लिए ऑक्सीजन बची हुई है और केंद्र तत्काल मुहैया कराए. इसके अलावा देश के दूसरे हिस्सों से भी ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत की खबरें आ रही हैं. (Photo: File)
दरअसल, दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के कारण कुछ मरीजों को सांस लेने में समस्या हो रही है. इसके चलते उनको ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. जिससे मेडिकल ऑक्सीजन की खपत अधिक हो गई है. अब टाटा ग्रुप ने ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए बड़ा फैसला लिया है. (Photo: File)
दरअसल, Ministry of Health and Family Welfar (MoHFW) के मुताबिक डिमांड को पूरी करने के लिए प्लांट में पूरी क्षमता के साथ ऑक्सीजन का प्रोडक्शन हो रहा है. यही नहीं, प्लांट में खपत से ज्यादा ऑक्सीजन का स्टॉक है, लेकिन सप्लाई में समस्या आ रही है. क्योंकि प्लांट से लिक्विड ऑक्सीजन को डिस्ट्रीब्यूटर तक पहुंचाने के लिए क्राइजोनिक टैंकर कम पड़ रहे हैं और रिफिलिंग के लिए सिलेंडर की कमी हो गई है. (Photo: File)
इसलिए अब Tata Group ने लिक्विड ऑक्सीजन को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए 24 क्राइजोनिक कंटेनर्स आयात करने का फैसला किया है. इन कंटेनर्स के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजन की सप्लाई होगी. जिससे ऑक्सीजन की किल्लत थोड़ी कम होगी. एक ट्वीट के जरिये टाटा ग्रुप इस बारे में जानकारी दी है. (Photo: File)
टाटा ग्रुप ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में समूह हर तरह से यथासंभव मदद के लिए तैयार है. ऑक्सीजन संकट में कमी लाने के लिए चार्टर्ड विमान के जरिये क्राइजोनिक कंटेनरों का आयात किया जाएगा. (Photo: File)
गौरतलब है कि देश में फिलहाल 1200 से 1500 क्राइजोनिक टैंकर उपलब्ध हैं. यह महामारी की दूसरी लहर से पहले तक के लिए तो पर्याप्त थे, लेकिन अब 2.5 लाख से ज्यादा मामले रोज सामने आने से टैंकर कम पड़ रहे हैं. (Photo: File)
वहीं देश पर जब-जब कोई संकट आया है, टाटा ग्रुप ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. इस ग्रुप ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए पिछले साल 1,500 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी थी. इसके अलावा दक्षिण कोरिया, अमेरिका और चीन जैसे देशों से बड़े पैमाने पर वेंटीलेटर्स, पीपीई किट्स, मास्क और ग्लब्स का आयात किया था. (Photo: File)