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यूटिलिटी

कहां से आया था बैंक खोलने का आइडिया, भारत का ये पहला बैंक... फिर लग गया ताला

बैंकिग प्रणाली अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी
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'बैंकिंग', इस शब्द की न केवल इंसान के जीवन में बड़ी अहमियत है, बल्कि किसी भी छोटे-बड़े देश की अर्थव्यवस्था (Economy) भी बैंकिंग प्रणाली पर टिकी होती है. आज डिजिटल बैंकिंग (Digital Banking) ने लोगों का काम आसान कर दिया है, अपने मोबाइल के जरिए एक क्लिक में पैसों का लेन-देन संभव है. लेकिन, क्या आ जानते हैं कि Banking की शुरुआत दुनिया में कैसे और कहां से हुई? आखिर कहां से आया था बैंक खोलने का आइडिया? तो बता दें कि बैंक के तार इटली (Itly) से जुड़े हुए हैं, जहां से इस शब्द की उत्पत्ति हुई है. 

इटली में पहली बार Bank शब्द का इस्तेमाल
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इटली में पहली बार Bank शब्द का इस्तेमाल
यहां ये बताना भी जरूरी है कि आखिर बैंक शब्द का इस्तेमाल पहली बार कब हुआ. दरअसल, इटली भाषा के इस शब्द को सबसे पहले 1157 में इस्तेमाल किया गया था. दुनिया के सबसे पुराने बैंक की बात करें तो ये मेडिसी बैंक (Medici Bank) था, इसकी स्थापना जियोवन्नी मेडिसी द्वारा साल 1397 में की गई थी. यह 15वीं शताब्दी में इटली के मेडिसी परिवार द्वारा खोली गई एक संस्था थी. इस बैंक का अस्तित्व अभी तक है जिस कारण यह इटली का चौथा सबसे बड़ा बैंक है.

बैंकिंग प्रणाली की शुरुआत कैसे हुई?
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बैंकिंग प्रणाली की शुरुआत कैसे हुई?
ऐसा माना जाता है कि 2000 ईसा पूर्व से दुनिया में बैंकिंग प्रणाली की शुरुआत की जा चुकी थी. हालांकि, ये वर्तमान की तरह बिल्कुल भी नहीं थी. दरअसल, उस समय पैसों के उधार लेन-देन की प्रथा प्रचलित थी. सौदागर, किसान और व्यापारियों को अनाज ऋण देते थे, जिससे वे दूसरे शहर जाकर सामान लाते थे. बैंकिंग सिस्टम की शुरुआत Barter System के तौर पर हुई थी. जहां लेनदेन पैसे यानी करेंसी से नहीं होता था, बल्कि लोग एक-दूसरे की मदद के लिए सामानों का लेन- देन करते थे.

ये सिलसिला बाद में बदला और व्यापारियों ने लेन- देन के लिए सोने के सिक्कों का इस्तेमाल किया. जब कारोबार के सिलसिले में व्यापारी समुद्री रास्तों से दूसरे देशों में जाने लगे तो रकम को संभालने के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाने लगे, इसी तरह Safe Deposit प्रणाली का विस्तार होता गया. जबकि, बाद में सौदागरों ने सोने के सिक्कों के बदले में व्यापारियों से ब्याज लेना शुरू कर दिया, तो ब्याज प्रणाली शुरू हो गई. 

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इटली का बैंक 1472 से दे रहा बैंकिंग सेवाएं
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इटली का बैंक 1472 से दे रहा बैंकिंग सेवाएं
मेडिसी बैंक भले ही 1397 में स्थापित किया गया था, लेकिन इसने बैंकिंग काम की सुचारू शुरुआत 4 मार्च 1472 से हुई थी. मेडिसी बैंक 15 वीं सदी के दौरान इटली में मेडिसी परिवार द्वारा बनाई गई एक वित्तीय संस्था थी और यह यूरोप का सबसे बड़ा और सम्मानित बैंक था. इसका वर्तमान नाम बंका मोंटे देई पासची डि सिएना (Banca Monte Dei Paschi Di Siena) है. ये दुनिया का सबसे पुराना जीवित बैंक भी है. यह बैंक उस समय से लोगों को लोन देता है, जब कोलंबस ने अमेरिका की खोज की थी. फिलहाल, इस बैंक की 2,000 ब्रांच 26,000 स्टाफ और लाखों ग्राहक इससे जुड़े हुए हैं. 

ये था भारत का पहला Bank
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ये था भारत का पहला Bank
बात करें भारत के पहले बैंक की, तो बता दें कि यहां भी बैंकिंग का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है. देश का पहला बैंक 'Bank Of Hindostan' था, जो 1770 में स्थापित किया गया था. इसे अलेक्जेंडर एंड कंपनी द्वारा शुरू किया गया था. ये कंपनी कोलकाता की एक अंग्रेजी एजेंसी थी, जिसने इसे करीब 50 साल सफलता के साथ संचालित किया. उसके बाद बैंक की वित्तीय स्थिति गड़बड़ाने लगी. इसकी मूल फर्म मेसर्स अलेक्जेंडर एंड कंपनी 1832 में भारी वित्तीय संकट में फंस गई, और फिर इस पर ताला लग गया था. 
 

ब्रिटिश काल में बढ़ा बैंकिंग सेक्टर
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ब्रिटिश काल में बढ़़ा बैंकिंग सेक्टर
इस बैंक के शुरू होने के कुछ सालों बाद ही एक और बैंक सामने आया था, जिसे देश का दूसरा सबसे पुराना बैंक माना जाता है. इसका नाम बैंक ऑफ इंडिया था, जो 1786 में स्थापित किया गया था. हालांकि, यह 1791 तक ही चल सका था. वहीं आज देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक 'भारतीय स्टेट बैंक' की नींव भी ब्रिटिश शासन काल के दौरान ही पड़ी थी. दरअसल, कोलकाता में 2 जून 1806 में 'बैंक ऑफ कलकत्ता' की स्थापना की गई और तीन साल बाद बैंक को अपना चार्टर प्राप्त हुआ. इसके बाद 2 जनवरी 1809 में इसे बैंक ऑफ बंगाल (Bank of Bengal) नाम दे दिया गया. यही बैंक आज देश का सबसे बड़ा बैंक है और इसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के नाम से जाना जाता है. 

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