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यूटिलिटी

समझें IPO का पूरा गणित, ऐसे कर सकते हैं निवेश, बस ध्यान रखें ये 7 बातें!

2021 है IPO का साल
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वर्ष 2021 को अगर IPO का साल कहें तो कुछ गलत नहीं होगा. अभी तक मार्केट में करीब 40 से ज्यादा नए IPO लॉन्च हो चुके है, और एक बड़ी लंबी लाइन बाकी है. हालत ये है कि पिछले कुछ हफ्तों में 4 IPO तक एक साथ लॉन्च हुए. अब ऐसे में आपके मन में सवाल होगा कि इनमें निवेश कैसे करें, क्या होता है IPO का गणित, तो बस इसके लिए आपको जाननी है ये 7 बातें...
(Photo : Getty)

IPO असल में क्या है?
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सबसे पहले आपको ये जानना होगा कि IPO होता क्या है? देश में कई प्राइवेट कंपनियां काम कर रही हैं. इनमें कई कंपनियां परिवार या कुछ शेयर होल्डर आपस में मिलकर चलाते हैं. जब इन कंपनियों को पूंजी की जरूरत होती है तो ये खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराती हैं और इसका सबसे कारगर तरीका है IPO यानी Initial Public Offer जारी करना.
(Photo : Getty)

IPO में आम जनता बनती है मालिक
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शेयर मार्केट में लिस्ट होने के लिए प्राइवेट कंपनी जो IPO लाती है, असल में वो बड़ी संख्या में आम लोगों, निवेशकों और अन्य को कंपनी के शेयर अलॉट करती है. अगर आसान भाषा में समझें तो अब उस कंपनी का मालिक सिर्फ उसे चलाने वाला परिवार या शेयर होल्डर नहीं होते बल्कि वो सब होते हैं जिनको IPO में शेयर अलॉट होता है.
(File Photo)

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IPO में अलॉट हुए शेयर की खरीद-फरोख्त
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IPO में जो शेयर अलॉट होते हैं, वो आमतौर पर BSE या NSE  जैसे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होते हैं. जहां लोग इन शेयरों की आराम से खरीद बिक्री कर सकते हैं. अब समझते हैं कि IPO लाया कैसे जाता है और किसी निवेशक के हितों की सुरक्षा होती है.
(Photo : Getty)

ऐसे लाती है कोई कंपनी IPO
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कोई कंपनी अगर IPO लाने का निर्णय करती है तो उसे मार्केट रेग्युलेटर SEBI के नियमों का पालन करना होता है. इन सब नियमों पर खरा उतरने के लिए कंपनी एक मर्चेंट बैंकर नियुक्त करती है, ये बैंकर सेबी में रजिस्टर्ड होता है और वही IPO से जुड़े सारे कंप्लायंस पूरे करके फिर IPO के लिए आवेदन करता है. 
(File Photo)

क्या होता है DRHP
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जब कोई कंपनी IPO लाती है तो वो सेबी के पास आवेदन करते समय कुछ दस्तावेज जमा कराती है. इसे लोग Draft Red Herring Prospectus (DRHP) नाम से भी जानते हैं. किसी भी कंपनी के IPO का DRHP असल में उस कंपनी, उसके शेयरधारक, उसकी वित्तीय हालत, कंपनी के कामकाज, उसके कानूनी पचड़ों, उस पर कर्ज, IPO से मिलने वाले पैसे के यूज, उससे जुड़े जोखिम वगैरह की जानकारी देता है. सेबी इसका असेसमेंट करती है और अगर सब सही लगता है तभी कंपनी को IPO लाने की अनुमति मिलती है.
(Photo : Getty)

अनुमति मिलने के बाद IPO में आती हैं बोलियां
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सेबी से IPO लाने की मंजूरी मिलने के बाद कंपनी अपने शेयरों के लिए बोलियां मंगवाती है. इसमें अलग-अलग तरह के निवेशकों जैसे कि रिटेल, इन्स्टीट्यूशनल के लिए अलग-अलग शेयर रिजर्व रखे जाते हैं. आम तौर पर किसी भी कंपनी का IPO तीन दिन के लिए खुलता है. अब समझते हैं कि IPO में निवेश कैसे कर सकते हैं...
(Photo : Getty)

IPO में निवेश के लिए चाहिए Demat Account
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किसी निवेशक को अगर IPO में निवेश करना है तो सबसे पहले उसके पास एक Demat Account होना चाहिए. Demat Account आप किसी भी ब्रोकिंग फर्म से खोल सकते हैं. लेकिन एक्सपर्ट्स की राय है कि हमेशा Demat Account एक जानी-मानी ब्रोकिंग फर्म से खोलना चाहिए. अब लोगों को शेयर अलॉटमेंट पेपर फॉर्म में नहीं बल्कि Demat फॉर्म में होता है, इसलिए IPO में निवेश के लिए  Demat Account होना अनिवार्य है. Demat Account में ही आपके शेयर अलॉट होते हैं.
(Photo : Getty)
 

पेमेंट करना होता है डिजिटल
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IPO में निवेश करने के लिए अब आप कोई चेक या कैश पेमेंट नहीं कर सकते हैं. आपके Demat Account से एक खाता लिंक होता है. इसी खाते से आपके IPO के सारे लेनदेन होते हैं. जब तक आपको शेयर अलॉट नहीं हो जाते तब तक खाते में उतनी रकम ब्लॉक रहती है. हर IPO के लिए कंपनी शेयर का एक इश्यू प्राइस और लॉट तय करती है.  एक रिटेल इन्वेस्टर एक बार में 2 लाख तक का निवेश ही IPO में कर सकता है. 
(Photo : Getty)

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ऐसे होते हैं शेयर अलॉट
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अब अगर आपने IPO में निवेश कर दिया है तो शेयर का अलॉटमेंट IPO बंद होने के बाद होता है. IPO बंद होने के बाद सभी बिड्स का असेसमेंट होता है और अगर कोई बिड अवैध होती है तो शेयर अलॉट नहीं होता. अगर किसी IPO को कुल जारी शेयर के मुकाबले कम शेयरों या उतने ही शेयरों की बोली मिलती है तो सभी इन्वेस्टर को उनकी बोली के मुताबिक शेयर अलॉट हो जाते हैं. वहीं जब कोई IPO ओवर सब्सक्राइब्ड होता है तो शेयरों का अलॉटमेंट प्रो-राटा बेस पर होता है. ये आपकी बोली से कम भी हो सकते हैं.
(Photo : Getty)

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