भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइन्स के मुताबिक आपके चालू या बचत खाते inoperative या ‘परिचालन में नहीं’ तब माना जाता है जब उसमें दो साल से कोई लेनदेन ना हुआ हो. हालांकि इसके बाद भी आपका पैसा डूबेगा नहीं, चिंता ना करें.
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यदि आपका खाता 10 साल तक inoperative बना रहता है तब आपका पैसा RBI के डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में चल जाता है. इस फंड को केन्द्रीय बैंक ने 2014 में शुरू किया था.
हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक के डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में पैसा भेजने से पहले बैंकों को इसके बारे में खाताधारक को सूचना देना होती है. हालांकि कई बार बैंक डिपॉजिटर तक पहुंच नहीं पाते. फिर भी फंड में गया पैसा आप वापस पा सकते हैं.
RBI के डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) में गया पैसा वापस पाने के लिए आपको अपनी बैंक शाखा से संपर्क करना होगा. इसके बाद आपको कुछ फॉर्म भरने होंगे और अपना केवाईसी पूरा करना होगा. इसके बाद आपका बैंक फंड से पैसा वापस लेने के लिए RBI से संपर्क करेगा.
RBI के DEAF में रखे पैसे पर आपको कोई नुकसान नहीं लगता. इस राशि पर आपको केन्द्रीय बैंक द्वारा तय किया गया ब्याज भी मिलता है.
अगर आपका खाता inoperative या inactive हो भी गया है तो भी डरने की जरूरत नहीं है. आप अपने बैंक के साथ केवाईसी नियमों को पूरा करके इसे फिर से चालू कर सकते हैं.
अपने खाते को inactive होने से बचाने के लिए आपको कुछ बातें आदत में शुमार कर लेनी चाहिए. बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि आप अपने खाते में नियमित तौर पर लेनदेन करें. कम से कम छह महीने में एक बार तो कर ही लें. इसके अलावा खाते में न्यूनतम मासिक राशि रखने के नियम या अन्य शुल्कों से बचने के लिए आपको खाता बंद करने की भी जरूरत नहीं है, इसके लिए आप खाते को साधारण बचत खाते में बदलवा सकते हैं.
इसके अलावा अपने बैंक खाते में नॉमिनी की डिटेल्स को लगातार अपडेट करने की आदत डालें. अगर आपके खाते में नॉमिनी का नाम नहीं जुड़ा है तो उसे जल्द से जल्द जुड़वाना सुनिश्चित करें.
www.businesstoday.in से इनपुट पर आधारित