आजकल बड़ा शहर हो या छोटा, घर के खर्चों को पूरा करने के लिए पति या पत्नी दोनों को नौकरी या कामकाज करना ही पड़ता है. दोनों की अपनी आमदनी, खर्चे होते हैं. ऐसे में अगर किसी को लोन लेना है तो उसके सामने यह सवाल आता है कि उसके स्पॉज यानी पति या पत्नी के क्रेडिट स्कोर से क्या इस पर कोई असर पड़ेगा? उसे अपने अकेले के नाम से लोन लेना चाहिए या जॉइंट नाम से? (फाइल फोटो: Getty Images)
आजकल लोन के मामले में काफी मशक्कत होती है, कंपनियां कई तरह के दस्तावेज मांगती हैं. लोन लेने वाले पर्सन की सालाना आय, उसके CIBIL क्रेडिट स्कोर की बारीकी से जांच की जाती है. क्रेडिट स्कोर से किसी व्यक्ति की पूरी फाइनेंशियल हिस्ट्री का पता चल जाता है. अगर किसी का क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो उसे बैंक या कंपनियां ब्याज दर में रियायत भी दे सकती हैं. लेकिन अगर किसी का क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है तो उसे लोन देने में आनाकानी भी कर सकती हैं. (फाइल फोटो: Getty Images)
ऐसे में किसी भी व्यक्ति के मन में सवाल आ सकता है कि अगर वह होम लोन या किसी अन्य लोन के लिए अप्लाई कर रहा है तो क्या उसके Spouse का क्रेडिट स्कोर भी देखा जाएगा? क्या उसके स्पॉज का क्रेडिट स्कोर उसकी लोन एलिजिबिलिटी पर कोई असर डालेगा? जी नहीं, जानकारों का कहना है कि अगर आप जॉइंट लोन नहीं ले रहे, यानी किसी लोन के लिए इंडीविजुअल (व्यक्तिगत) रूप से आवेदन करना चाहते हैं तो बैंक के पास आपके Spouse के क्रेडिट स्कोर की जांच करने का कोई कारण नहीं है. लोन का आवेदन पूरी तरह से आपकी क्रेडिट मेरिट के आधार पर परखा जाएगा. (फाइल फोटो: Getty Images)
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (CFP) और प्रमुख निवेश सलाहकार पंकज मठपाल कहते हैं, 'अगर आप लोन अकेले अपने नाम पर ले रहे हैं तो बैंक या लोन देने वाली संस्था को आपके स्पॉज के क्रेडिट रेटिंग से कोई मतलब नहीं होगा. वह सिर्फ आपकी क्रेडिट रेटिंग को देखेगा. लेकिन अगर लोन दोनों के नाम से है तो जरूर आपके पति या पत्नी की क्रेडिट रेटिंग को भी ध्यान में रखा जाएगा.' (फाइल फोटो: Getty Images)
अक्सर यह कहा जाता है कि अगर आप होम लोन लेने जा रहे हैं, तो उसमें जॉइंट होम लोन लेना यानी पति और पत्नी दोनों के नाम से लोन लेना बेहतर होता है. इससे आपको EMI का भुगतान करते समय कर्ज का बोझ कम करने में मदद मिलती है. साथ ही आपको इनकम टैक्स की अतिरिक्त छूट भी मिलती है. यही नहीं किसी महिला को Co-Borrower बनाने से ब्याज दर में रियायत भी मिलती है. ऐसी स्थिति में लोन देने का निर्णय और ब्याज दर आदि तय करते समय आप दोनों यानी पति और पत्नी दोनों का क्रेडिट स्कोर देखा जाएगा. अगर किसी के भी क्रेडिट स्कोर में ज्यादा जोखिम है यानी उसका क्रेडिट स्कोर बहुत खराब है तो हो सकता है कि आपको ज्यादा राशि का लोन न मिले. (फाइल फोटो: Getty Images)
इसलिए हमेशा यह कोशिश करनी चाहिए कि क्रेडिट स्कोर अच्छा रहे. इसके लिए आपको सभी तरह के लोन ईएमआई का समय से भुगतान करना चाहिए. पंकज मठपाल कहते हैं, 'जॉइंट होम लोन तभी फायदेमंद है जब पति और पत्नी दोनों कमा रहे हों. इससे ईएमआई का बोझ शेयर हो जाता है. बैंक भी ज्यादातर मामलों में ब्याज में रियायत तभी देते हैं, जब दोनों वर्किंग होते हैं. अगर आपके स्पॉज की कोई मंथली इनकम नहीं है, तो ज्यादातर मामलों में बैंक आपका लोन तो जॉइंट नाम से कर देंगे, लेकिन ब्याज दर में कोई रियायत नहीं देते.' (फाइल फोटो: Getty Images)